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UGC ने जारी किया NCRF, वेदों-पुराणों की जानकारी होने पर स्टूडेंट्स को होगा फायदा

NCRF: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) में पुराणों, वेदों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि को भी शामिल करने की पहल की है। इसमें वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य आयामों को भी ‘क्रेडिट’ प्रणाली के दायरे में लाया जा सकता है। यानी अब पुराणों व वेदों को जानने वाले छात्रों को क्रेडिट दिया जाएगा।

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NCRF: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) में पुराणों, वेदों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि को भी शामिल करने की पहल की है। इसमें वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य आयामों को भी ‘क्रेडिट’ प्रणाली के दायरे में लाया जा सकता है। यानी अब पुराणों व वेदों को जानने वाले छात्रों को क्रेडिट दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब ये हुआ की जिन स्टूडेंट को वेदों-पुराणों की जानकारी है उन स्टूडेंट्स को फायदा होने वाला है। हालांकि, इसकी जानकारी रखने वाले छात्रों को क्रेडिट कैसे दिया जाएगा इसको लेकर स्थति अभी साफ़ नहीं है। लेकिन नए ड्रॉफ्ट में कक्षा 5 से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों को कुल पढ़ाई के घंटों के अनुसार क्रेडिट दिया जाएगा। यूजीसी ने जारी नोटिस में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सामान्य शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है।

कॉलेज या यूनिवर्सिटी लेवल पर ऐसे लागू होगा क्रेडिट सिस्टम

बता दें कि देश में 2020 में नई शिक्षा नीति लाई गई थी। जिसके तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई परिवर्तन होंगे। चार साल के ग्रेजुएशन में यानी कि मल्टीपल आधारित एग्जिट सिस्टम में 4.5, 5.0, 5.5, और 6.0 क्रेडिट शामिल रहेंगे। पीएचडी में सबसे अधिक 8 क्रेडिट होंगे। हालांकि, वेद और पुराणों का क्रेडिट कैसे तय होगा इसको लेकर स्थति अभी साफ़ नहीं है।

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कब लागू होगा ?

आपको बता दें कि नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (national credit framework) में 12वीं में सेमेस्टर आधार परीक्षा का सुझाव दिया गया है। 10वीं में 6 की बजाय 8 विषयों को पास करना अनिवार्य किया जा सकता है। NCRF के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलते ही इसे 2023-24 यानि कि नए सत्र से लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (national credit framework) में विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

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