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सेरावा में किसान जागृति शिविर, जल और सामूहिक प्रयासों का संदेश

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डार्फ कैटल के संतोष जगधने और डॉ. नागेश टेकाले मौजूद रहे। शिविर का शुभारंभ रमेश की ओर से प्रस्तुत गीत 'गोकुल अपना गांव रे ' से हुआ।

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ग्राम सेरावा के सावरासर तालाब पर किसान जागृति शिविर का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम तरुण भारत संघ और डार्फ कैटल के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डार्फ कैटल के संतोष जगधने और डॉ. नागेश टेकाले मौजूद रहे। शिविर का शुभारंभ रमेश की ओर से प्रस्तुत गीत 'गोकुल अपना गांव रे ' से हुआ। गीत ने उपस्थित जनों को संत विनोबा भावे के समय की याद दिलाई, जब वे ग्राम-ग्राम जाकर भूदान आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित करते थे। इसने कार्यक्रम को सांस्कृतिक और प्रेरक शुरुआत प्रदान की। इसके बाद जल पुरुष राजेंद्रसिंह ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि संघर्ष के दिनों में पानी ने किस तरह से ग्रामीणों का जीवन बदल दिया। जल संरक्षण के प्रयासों ने पलायन को रोका और गांववासियों को स्थायी, खुशहाल जीवन का आधार दिया। उनके विचारों ने उपस्थित किसानों को अपने गांवों में जल और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित किया।

सहयोग का संकल्प

कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने अपनी अपेक्षाएं साझा कीं और संगठन के कार्यों में योगदान देने का संकल्प लिया। विभिन्न ग्रामों से आए ग्रामीणों ने काकाब गांव के चुनसिंह का तालाब, पदरिया का खड़ीन, नगों की ढाणी में मन्शीसिह का तालाब, नगा गांव के उगसिंह का तालाब, सेलता के मां सतियों का तालाब, मोतिकिलों की ढाणी में मोतिकिलों का तालाब, मोकला में चरड़ाई तालाब और सलखा में सोहडासर तालाब जैसे सामूहिक जल संरक्षण कार्यों में सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया।डार्फ कैटल के अधिकारी भी ग्रामीणों को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने सामूहिक भागीदारी और मिलकर कार्य करने के महत्व पर जोर दिया। जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास ही स्थायी परिणाम दे सकते हैं, यह संदेश उन्होंने स्पष्ट किया। तरुण भारत संघ की ओर से मौलिक सिसोदिया, पूजा भाटी, सुप्रिया, चतर सिंह जाम, चमन सिंह सिसोदिया, जितेंद्र सिंह शेखावत, महेंद्र सिंह भाटी और जोरावर सिंह सोलंकी इस अवसर पर उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर जल संरक्षण और ग्रामीण विकास में सहयोग का महत्व बताया।