ये भी पढ़ें: बल्ले-बल्ले ! 3 हजार करोड़ रुपए से नए आवास बनाएगी मोहन सरकार मालूम हो, नाना पर हत्या का प्रयास के दो व बवाल करने के आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। इस पर पिछले दिनों पुलिस ने तड़ीपार का नोटिस दिया था। नाना का पहला अपराध 2012 तो आखिरी दो अपराध विस चुनाव के दौरान के हैं। एक मुकदमा पार्षद रहे पुष्पेंद्र चौहान की शिकायत पर दर्ज किया गया था। छह मुकदमे बवाल के हैं। शासकीय कार्य में बाधा, छेड़छाड़ के अलावा हत्या के प्रयास के दो मुकदमे दर्ज हैं। दो मुकदमे एससी-एसटी के तहत हैं।
पहले से दर्ज हैं केस
बीतें महीनों से आरोप है कि तेजाजी नगर चौराहे पर बीजेपी के पूर्व पार्षद पुष्पेंद्र चौहान का विवाद नाना पटवारी और उनके समर्थकों के साथ हुआ। इसके बाद जमकर मारपीट हुई और विवाद हुआ। इसके बाद दोनों ओर से समर्थक भवंरकुआं थाने पर जमा हो गए। मौके पर बीजेपी प्रत्याशी मधु वर्मा भी पहुंच गए और कांग्रेस के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उनके साथ ही समर्थक भी थे। कई पदाधिकार तो थाने के अंदर पुलिस वालों के सामने ही आपस में भिड़ने और बहस करने लगे। साल 2017 के किसान आंदोलन में जीतू के दोनों भाई नाना और भरत सहित 22 लोग वारंटी थी। पुलिस ने वांरट तामील कराया तो दोनों थाने में पेश हुए और कोर्ट से जेल पहुचाएं गए। लेकिन बाद में पुलिस ने ही रिमांड नहीं मांगी और दोनों भाई 24 घंटे में ही जेल से बाहर आ गए। नाना पटवारी पर राजेंद्र नगर थाने में पहले से ही सात केस दर्ज है, जिसमें शासकीय काम में बाधा, मारपीट, हत्या के प्रयास जैसे मामले हैं।