वेलूर. जिले के वल्लीमलै की पहाड़ियों के खंडहर में दसवीं सदी के 2 शिलालेख मिले हैं। इन शिलालेखों ने पुरातात्विक विशेषज्ञों में कौतूहल पैदा किया है। फिलहाल इन्हें सुरक्षित कर जिला सरकारी संग्रहालय को सौंपा गया है।
सूत्रों के अनुसार, जिले के काटपाड़ी के पास वल्लीमलै की पहाड़ियों में दसवीं शताब्दी के राजा इराटीकूड़ कृष्णन कन्नरदेव तृतीय के दो शिलालेख जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े होने की सूचना के बाद एएसआइ और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने खोजबीन शुरू की। इस पड़ताल में वल्लीमलै मंदिर के पास उपेक्षित अवस्था में पड़े शिलालेख टीम को मिले। शिलालेख 10वीं सदी के बताए हैं। ये शिलालेख राजा इराटीकूड़न तृतीय को उस वक्त मिली जीत का वर्णन करते हैं।
2011 में ही खोज लिया था
बताया गया कि वल्लीमलै के इडुबन मंदिर के पास इन शिलालेखों को 2011 में ही खोज निकाला गया था। फिर इनको सुरक्षित रखने की कोशिश में मुरुगन सन्निधि के पास एएसआइ अधिकारी छोड़ गए थे। हालांकि इसकी पुष्टि किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने नहीं की है।
शिलालेखों में वर्णित सूचना तमिल और कन्नड़ दोनों भाषाओं में है। कालांतर में ये शिलालेख झाड़ियों और रेत के नीचे दबते चले गए। जिला कलक्टर सुब्बुलक्ष्मी के निर्देश पर जिला एएसआइ और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने इनको हासिल किया। फिलहाल इनको जिला संग्रहालय में सुरक्षित पहुंचा दिया है। संग्रहालय में रखे इन शिलालेखों को जनता भी देख सकती है।
Published on:
16 May 2024 03:34 pm