
donations
नई दिल्ली। पौराणिक ग्रंथों में दान का बड़ा महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि दान करना भोग और मोक्ष दोनों के लिए आवश्यक बताया है। शास्त्रों में कहा गया है कि अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य करने से यहां सभी सुखों की प्राप्ति होती है और परलोक में मोक्ष मिलता है। गुप्त दान का महत्व बहुत ज्यादा है। अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान, धनदान सारे दान इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं। सनातन संस्कृति में बताया गया है कि दान भी ऐसा होना चाहिए कि एक हाथ से दान हो और दूसरे हाथ को भी पता न चले। कोई व्यक्ति सच्चे मन से किसी जरूरतमंद को दान करता है तो इससे न सिर्फ पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि घर में सुख-शांति के साथ ही बरकत भी आती है। दान करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए नहीं तो आपको बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
— ऐसा कहा गया है कि कभी भी किसी को झाड़ू का दान नहीं करना चाहिए। झाड़ू, मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि झाड़ू का दान करने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
— शास्त्रों की मानें तो स्टील के बर्तनों का भी दान कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर की सुख-शांति में कमी आती है।
— सनातन संस्कृति के अनुसार, शाम के समय दूध और दही का भी दान नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती है। साथ ही घर में सुख—सुविधाओं में कमी आती है।
— शनि की शांति के लिए शनिवार को तेल का दान करना शुभ माना जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि इस्तेमाल किया हुआ तेल का कभी भी दान न करें। ऐसे तेल का दान से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
— अगर भोजन का दान कर रहे हों तो ध्यान रहे कि वह भोजन ताजा बना हुआ हो। बासी भोजन का दान भूल से भी ना करें। इसी तरह अगर किताब-कॉपी या धार्मिक पुस्तक का दान कर रहे हों तो ध्यान रखें कि वे कहीं से कटी-फटी न हों।
— ऐसी मान्यता है कि शाम के समय घर में लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए शाम के समय किसी को भी रुपये-पैसे ही नहीं बल्कि कुछ भी दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी घर से विदा हो जाती हैं और सुख-सुविधाओं में कमी आती है।
Published on:
18 Feb 2021 08:28 am
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