
बूंदी. धर्मसभा में उपस्थित महिलाएं।
बूंदी. नैनवां रोड रजत गृह कॉलोनी में स्थित श्री शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि सुप्रभ सागर ने कहा कि श्रद्धा रूपी मजबूत नींव पर मोक्ष रूपी मजबूत महल का निर्माण किया जा सकता है, जो जीवन में कभी भी खंडित नहीं हो सकता।
धर्मसभा में कहा कि सांसारिक काम में विश्वास किए बिना जीवन नहीं चल सकता। उसी प्रकार देव शास्त्र गुरु पर विश्वास किए बिना मोक्ष की राह पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। सच्चे सुख की प्राप्ति के लिए देव शास्त्र गुरु पर अंतरंग मन से विश्वास करने वाला व्यक्ति ही सफल होता है। आज के समय में एक दूसरे के प्रति विश्वास की कमी है। किसी व्यक्ति के मन में लेशमात्र भी शंका पैदा होते ही विश्वास टूट जाता है।
धर्मसभा में मुनि वैराग्य सागर ने कहा कि माता-पिता के कारण ही बच्चों में बचपन से ही धार्मिक संस्कार आते हैं, जो माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में धार्मिक संस्कार नहीं देते वे आगे चलकर दुखी होते हैं। मुनिश्री का चरण प्रक्षालन व धर्मसभा का संचालन राजकुमार जैन ने किया। शास्त्र भेंट महेन्द्र काला ने किया। दीप प्रज्वलन नैनवां रोड जैन समाज के अध्यक्ष बिरधीचंद धनोप्या ने किया।
सोच सही तो भावना भी अच्छी होगी
नैनवां . अग्रवाल दिगंबर जैन मंदिर में मंगलवार को जैन मुनि प्रज्ञान सागर ने कहा कि जब वर्षा योग होता है तो नगर शहर गांवों में तो चार माह उत्सव जैसा माहौल बना रहता है। मनुष्य को सदैव ही अच्छी व ऊंची सोच रखना चाहिए। सोच अच्छी होगी तो भावना भी अच्छी होगी। हमारा मन साफ रखने के लिए ईश्वर के जिनालय में उनके दर्शन करने से आत्मा पवित्रता बनी रहती हैबुरे विचारों को छोडऩे पर ही अच्छे विचार आत्मा में प्रकट होंगे। मुनि प्रसिद्ध सागर ने बताया कि आज संसार का मनुष्य इस संसार में इतना रम गया, उसे अपने परिवार के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता। परिवार के लिए जी रहा है। सुबह से शाम तक भाग दौड़ में लगा हुआ है। आधा घंटा भी अपनी आत्मा के लिए ईश्वर का स्मरण करने का उसे समय नहीं है जब उसे कष्ट आता है तो प्रभु के चरणों में जाकर गिड़गिड़ाने लगता है कि भगवान मेरी रक्षा करो। भगवान की भक्ति करने से भक्त के मन में हमेशा ईश्वर के प्रति श्रद्धा और अच्छी भावना बनी रहती है। श्रद्धा और विश्वास ही सबसे बड़ी भक्ति है।
Published on:
02 Jul 2025 12:07 pm
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग
