
Noida Super Speciality Child PGI Hospital
नोएडा। हाईटेक सिटी नोएडा में बने सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई में दो माह के अंदर अलग-अलग बिमारिओं से हुई 30 बच्चों की मौत ने एक बार फिर चाइल्ड पीजीआई हॉस्पिटल को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इसकी पुष्टि जिला स्वास्थ विभाग के सीएमओ ने भी की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यहां गंभीर बीमारियों के मरीज लाए जाते हैं। जहां भी इस तरह के मरीज ले जाते हैं, वहां डेथ रेट ज्यादा होती है। ये निमोनिया व अन्य कई बीमारियों से हुई हैं। वहीं, चाइल्ड पीजीआई हॉस्पिटल का प्रशासन इस संबंध में कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग को खड़ा किया कठघरे में
नाेएडा के सुपर स्पेशलटी पीजीआई चाइल्ड हॉस्पिटल में सितंबर और अक्टूबर माह में करीब 30 बच्चों की मौत हुई है। इन आंकड़ों ने एक बार फिर पीजीआई चाइल्ड हॉस्पिटल के साथ ही जिला स्वास्थ विभाग को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। बच्चों की मौत का कारण गंभीर बिमारियों का होना बताया जा रहा है।
गंभीर होने पर लाए जाते हैं मरीज
जिला स्वास्थ विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग भार्गव की मानें तो नोएडा में बने सुपर स्पेशलटी पीजीआई हॉस्पिटल में कुछ माह पहले ही इमरजेंसी में वेंटीलेटर सुविधा शुरू की गई थी। इसमें आठ वेंटीलेटर हैं, जिसमें सर्जिकल आईसीयू, मेडिकल आईसीयू व कार्डियोलॉजी आईसीयू में वेंटीलेटर की सुविधा हैं। इसमें गंभीर परिस्थितियों में लाए गए मरीजों को रखा जाता है। कई बार इस तरह की परिस्थितियों में इलाज के दौरान मरीज को बचाने के प्रयास में मौत भी हो जाती हैं। इसमें कोई घबराने की बात नहीं है। इसमें ज्यादातर बच्चे निमोनिया से बताये जा रहे हैं जबकि कुछ अन्य बिमारियों से मौत होने का कारण बताया जा रहा है। वही, डेंगू से मरने वालों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया की अब तक डेंगू से दो बच्चों की मौत हुई हैं।
Updated on:
05 Nov 2017 05:01 pm
Published on:
04 Nov 2017 04:00 pm
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