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डॉक्टरों या पैरामेडिकल स्टाफ पर बनाया मकान खाली करने का दबाव तो रासुका के तहत होगी कार्रवाई

Highlights- 30 अप्रैल तक जिले में प्रभावी रहेगी निषेधाज्ञा- अपर पुलिस उपायुक्त बोले- दबाव बनाने वाले भवन स्वामी या सोसायटी प्रबंधकों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई- संक्रमण से प्रभावित मरीजों के उपचार एवं जीवन रक्षा में डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की अहम भूमिका

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नोएडा

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lokesh verma

Apr 12, 2020

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नोएडा. अपर पुलिस उपायुक्त कानून-व्यवस्था आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि किसी डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ से आवास खाली कराने का दबाव बनाने वाले भवन स्वामी या सोसायटी प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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अपर पुलिस उपायुक्त आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि शासन ने कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया है। इस महामारी के संक्रमण से प्रभावित मरीजों के उपचार एवं जीवन रक्षा में डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की अहम भूमिका है। वे स्वयं के संक्रमण से बचाव के प्रबन्ध के बाद संक्रमित मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इस बात की लगातार शिकायत आ रही है कि कुछ भवन स्वामी और सोसायटी प्रबंधक संक्रमण की आशंकाओं के कारण डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ पर आवासों को खाली करने का दबाव बना रहे हैं।

वर्तमान में आपातकालीन परिस्थितियों में इस प्रकार का दबाव समुदाय को दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं के अनुरक्षण एवं आपदा प्रबन्धन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है। इससे मानव जीवन और सामुदायिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। एडीसीपी ने बताया कि अगर किसी भवन स्वामी या सोसायटी के प्रबंधकों पर लगाए गए आरोप सही पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी चेताया कि चिकित्सकों पर मकान खाली करने का अनुचित दबाव बनाने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि ऐसे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ, जो कोविड-19 के संक्रमित मरीजों का उपचार कर रहे हैं, उनके आवास एवं संबंधित अन्य आवश्यक वस्तुओं में बाधा उत्पन्न किया जाना समुदाय के उपचार हेतु प्रदान की जाने वाली आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उन्होंने बताया कि हालात के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर जिले में 30 अप्रैल तक सीआरपीसी की धारा-144 को लागू किया गया है।

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