
नोएडा। आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन (Smartphone) जरूर मिल जाएगा। वहीं आपने भी अक्सर पेरेंट्स को यह कहते सुना ही होगा कि बच्चे हमेशा सोशल मीडिया (Social Media) पर लगे रहते हैं और इनसे उनकी पढ़ाई खराब हो रही है या वह बिगड़ रहे हैं। लेकिन, अगर आपसे कोई कहे कि सोशल मीडिया (Benefits of Social Media) के बहुत से ऐसे फायदे हैं जिन्हें जानकर खुद पेरेंट्स (Parents) अपने बच्चों के कहेंगे कि जाओ और फोन देखो।
दरअसल, हाल ही में शोधकर्ताओं (Researchers) ने दावा किया है कि युवा जो अपने फोन पर या ऑनलाइन वक्त बिताते हैं उनके लिए मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए सोशल मीडिया या फोन उतना भी बुरा नहीं है। एक मैगजीन में प्रकाशित एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 10 से 15 साल तक के उम्र के बीच दो हजार से अधिक टीनएजर्स पर परीक्षण किया।
इसमें शोधकर्ताओं ने दिन में तीन बार ऐसे किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लक्षणों की रिपोर्ट को इकट्ठा किया जो रोज फोन या ऑनलाइन समय बिताते थे। इन रिपोर्ट को जब देखा गया तो पाया गया कि डिजिटल तकनीक के अत्यधिक उपयोग का संबंध खराब मानसिक स्वास्थ्य से नहीं है। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में जिन युवाओं के अधिक टेक्सट मैसेज भेजने की सूचना मिली वे उन युवाओं की तुलना में अच्छा महसूस कर रहे थे जिन्होंने कम मैसेज भेजे हैं।
मनोवैज्ञानिक और नोएडा में फोर्टिस मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के डायरेक्टर समीर पारेख ने बताया कि एक युवा की जिंदगी इनडोर और आउटडोर गतिविधियों के साथ-साथ अच्छी तरह से संतुलित होनी चाहिए। पढ़ाई व मस्ती के बीच भी संतुलन का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ये भी जरूरी है कि टीवी, सोशल मीडिया या इंटरनेट का इस्तेमाल लिमिट में किया जाए।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सकारात्मकता के साथ विचारों को व्यक्त करने के लिए भी किया जा सकता है। कई बार बच्चे भी बड़ों को काम की बात बता सकते हैं। इसमें सोशल मीडिया अहम रोल निभाती है। इसके साथ ही इससे बच्चों में स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। इसके साथ ही कई ऐसे ऑनलाइन एप्लिकेशन्स आ गए हैं जिनसे बच्चों को जनरल नॉलेज और पढ़ाई में सुविधा होती है।
Updated on:
12 Oct 2019 03:01 pm
Published on:
12 Oct 2019 03:00 pm
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