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सपा की लहर में भी भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे लोकेद्र सिंह

बिजनौर के नूरपुर से भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान और उनके दो गनर की बुधवार को सीतापुर में एक सड़क हादसे में मौत हो गई

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Lokendra Singh

नोएडा। बिजनौर के नूरपुर से भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान और उनके दो गनर की बुधवार को सीतापुर में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, विधायक की कार को ट्रक ने टक्कर मारी थी। हादसा लखनऊ से घर आते समय हुआ। सीतापुर के कमलापुर थाना क्षेत्र में एनएच24 पर बुधवार तड़के करीब 4 बजे ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम करीब आठ बजे तक उनका पार्थिव शरीर उनके घर धामपुर के स्‍योहारा क्षेत्र में पहुंचेगा।

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दो बार विधायक चुने गए हैं

लोकेंद्र सिंह चौहान उत्‍तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए हैं। खास बात यह है कि वर्ष 2012 में जब समाजवादी पार्टी बहुमत के साथ सत्‍ता में आई थी, उस दौर में भी लोकेंद्र सिंह चौहान ने नूरपुर से भाजपा को जीत दिलाई थी। उनकी पहचान एक जमीनी नेता के रूप में रही है। इसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर चली और विरोध के बावजूद उन्‍होंने दोबारा नूरपुर से विजय हासिल की। वैसे उनकी छवि एक दबंग विधायक के तौर पर भी रही है।

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विधायक बनने से पहले थे किसान

लोकेंद्र चौहान का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के बिजनौर में 15 दिसंबर 1976 को हुआ था। उन्‍होंने बरेली की एमजेपी रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से एमए किया था। उनके एक बेटा व एक बेटी है। विधायक बनने से पहले पेशे से वह किसान थे। एमएलए होने के अलावा वह प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्‍य भी थे। 2010 से 2012 तक वह बिजनौर भाजपा के अध्‍यक्ष रह चुके हैं।

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1988 में आरएसएस में की थी एंट्री

1988 में उन्‍होंने आरएसएस में एंट्री की थी। इसके बाद वह छात्र जीवन में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी संगठन (एबीवीपी) में शामिल हो गए। फिर राजनीति में उनकी चमक बढ़ती गई और भाजपा से 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में पहली बार टिकट मिला। उस चुनाव में वह पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे और जीत हासिल की थी।

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विवादों से रहा था नाता

हालांकि, लोकेंद्र सिंह चौहान के साथ कुछ विवाद जुड़े हुए थे, जो उनके दबंग होने के सबूत देते थे। पिछले साल अगस्‍त में उन पर कुछ लोगों ने हमला भी किया था। उन पर हमला तब हुआ था, जब वहां राज्‍यमंत्री अतुल गर्ग मौजूद थे। इसके अलावा उन पर रोडवेज के एक अधिकारी को सरेआम धमकाने का मामला भी सामने आया था। आरोप तो यह भी थे विधायक ने उस अधिकारी को कॉलर तक पकड़ लिया था। इससे पहले भी उन पर कई आरोप लगे थे।