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Earthquake: मच जाती यूपी में भूकंप से तबाही! तीव्रता 6.6 की जगह 6. 9 होती तो भगवान जाने, क्या होता

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 से 7.9 होता तो यूपी में मच जाती सदी की सबसे बड़ी तबाही, मॉल से लेकर रेलवे स्टेशन तक सब हो जाता तबाह।

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भूकंप की जांच जिस स्‍केल से होती है उसे रिक्‍टर मैग्‍नीट्यूड टेस्‍ट कहा जाता है।

Earthquake in UP: एनसीआर समेत यूपी के कई हिस्सों में मंगलवार रात जो भूकंप (earthquake tremors felt)के झटके महसूस किए गए। 2023 में यह तीसरी बार भूकंप आ चुका है। अब आप सोच रहे होंगे, इतनी बार भूकंप क्यों आया , भूकंप से जुड़ी हर जानकारी आज हम आपको देंगे। 21 मार्च को आए भूकंप का रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.6 मापी गई है। आपको बताएंगे कि अगर इसकी तीव्रता 7 के ऊपर होती तो क्या होता।

भूकंप कैसे और क्‍यों आता है
इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा। दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं।

बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्‍थान पर भूकंप का असर सबसे ज्‍यादा होता है और सबसे तेज कंपन होता है।

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है

रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।

क्या होता है भूकंप का केंद्र?
धरती की सतह के नीचे की वह जगह, जहां पर चट्टानें आपस में टकराती हैंं या टूटती हैं, भूकंप का केंद्र या फोकस कहलाता है. इसे हाइपोसेंटर भी कहते हैं. इस केंद्र से ही ऊर्जा तरंगों के रूप में बतौर कंपन फैलती है और भूकंप आता है. यह कंपन एकदम उसी तरह होता है, जैसे शांत तालाब में पत्थर फेंकने पर तरंगें फैलती हैं.

विज्ञान की भाषा में समझें तो धरती के केंद्र और भूकंप के केंद्र को आपस में जोड़ने वाली रेखा जिस स्थान पर धरती की सतह को काटती है, उस जगह को ही भूकंप का अभिकेंद्र या एपिक सेंटर कहा जाता है। विज्ञान के नियमों के हिसाब से धरती की सतह का यह स्थान भूकंप के केंद्र से सबसे पास होता है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता और क्‍या है तरीका
भूकंप की जांच जिस स्‍केल से होती है उसे रिक्‍टर मैग्‍नीट्यूड टेस्‍ट कहा जाता है। भूकंप की तीव्रता 1 से 9 के आधार तक मापा जाता है। भूकंप को इसके सेंटर से मापा जाता है । जिसे एपीसेंटर कहते हैं। भूंकप के दौरान धरती के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा कितनी तीव्र होती है, उसे एपीसेंटर से मापा जाता है और भूकंप के खतरे का अंदाजा लगाया जाता है।

रिक्‍टर स्‍केल से जाने भूकंप का खतरा, कितनी तबाही लाता है भूकंप?

भूकंप आने पर कैसे बचाएं जान
भूकंप की भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती है। लेकिन नए घरों को भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए निर्माण करें। मकान बनाने से पहले जमीन की जांच कर लें। क्‍या वह भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए मकान बना सकते हैं या नहीं। वहीं अगर अचानक से भूकंप आ जाएं तो सब पहले खुले मैदान में जाए। घर में ही फंस गए हों तो टेबल या बेड के अंदर छिप जाएं। छत पर भी जा सकते हैं या घर के किसी कोने में खड़े हो जाएं। लेकिन खतरों से खाली विकल्‍प है घर से बाहर निकल जाएं।