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सांपों को बंधक बनाने के मामले में 17 साल पुराने केस में हुई सुनवाई, 3 दोषियों को दो-दो साल की कैद

नोएडा में एक 17 साल पुराने मामले में सुनवाई हुई। मामला सांपों को बंधक बनाने को लेकर था। इस मामले में कोर्ट ने फैसला दिया कि तीनों आरोपियों को दो-दो साल की कैद और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

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नोएडा : उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर संचालित विशेष अभियान 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के नेतृत्व में थाना बिसरख पुलिस, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन इकाई की मजबूत पैरवी के चलते 17 साल पुराने एक मामले में न्यायालय ने कठोर निर्णय सुनाया है।

थाना बिसरख क्षेत्र में 2008 में दर्ज एक वन्य जीव संरक्षण अधिनियम से जुड़ा मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन था। इस प्रकरण में तीन व्यक्तियों, धनपत पुत्र पीतमनाथ, वीरपाल पुत्र मुन्शीनाथ और कन्हैयानाथ पुत्र नानकनाथ, सभी निवासी ग्राम इटैड़ा थाना बिसरख, पर आरोप था कि उन्होंने अवैध रूप से सांपों को बंधक बना रखा था। यह कृत्य वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का गंभीर उल्लंघन है, जिसके तहत वन्य प्राणियों को बंधक बनाना या उनका अवैध शोषण पूरी तरह प्रतिबंधित है।

पुलिस की सतर्कता और अभियोजन की प्रभावी दलीलों के बाद न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए धनपत, वीरपाल और कन्हैयानाथ को दो-दो वर्ष के कारावास की सजा के साथ दस-दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके अतिरिक्त यदि अर्थदंड की राशि जमा नहीं की जाती है तो प्रत्येक आरोपी को 15-15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने कहा है कि इस फैसले से स्पष्ट संदेश जाता है कि वन्य जीवों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अवैध रूप से वन्य जीवों को बंधक बनाने, उनका शिकार करने या उनके व्यापार से जुड़े लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 'ऑपरेशन कन्विक्शन' अभियान का मकसद केवल अपराधियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि अदालतों में प्रभावी पैरवी कर उन्हें सजा दिलाना भी है, ताकि समाज में अपराध के प्रति भय और कानून के प्रति सम्मान की भावना बनी रहे। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा विभिन्न अपराधों से जुड़े कई पुराने मामलों में दोषसिद्धि कराकर अपराधियों को सजा दिलाई गई है।