
शामली। कैराना उपचुनाव में नामांकन का दौर खत्म होने के बाद अब सभी दलों की नजर चुनाव प्रचार द्वारा वोटरों को लुभाने पर है। सभी पार्टियां अपने-अपने स्टार प्रचारकों को चुनावी समर में उतारकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल व समाजवादी पार्टी गठबंधन ने स्टार प्रचारकों की भारी-भरकम फौज को उतारने का ऐलान कर दिया है, लेकिन इस बार सबसे खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल रहने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के अलावा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को भी जगह नहीं गई है।
लोकसभा में खाता खोलने को बेकरार रालोद इस बार किसी भी सूरत में कैराना उपचुनाव को जीतकर अपने वजूद को बचाना चाहती है। इसलिए उसका पूरा जोर अपने से छिटक चुके जाट व मुस्लिम मतदाताओं को फिर से जोड़ने के लिए कई विवादित चेहरों को भी अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करने से भी गुरेज नहीं किया।
साथ ही पीस पार्टी ने भी सपा-बसपा को अपना समर्थन दे दिया है, जिसके चलते उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अय्यूब को भी स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया है। इसके अलावा महिलाओं को जोड़ने के लिए रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की पत्नी चारू चौधरी को कमान सौंपी गई है। साथ ही युवाओं को जोड़ने के लिए खुद जयंत चौधरी पहले ही कमान संभाल चुके हैं। हालांकि रालोद की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम रजा का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से बार रखा गया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल शुक्रवार को रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह द्वारा जारी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान विवादों के घेरे में आए सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खां, नवाजिश आलम, अमीर आलम और कैराना सीट से विधायक नाहिद हसन भी शामिल हैं। इसके अलावा कविता प्रकरण में चर्चित रहे रालोद नेता व पूर्व मंत्री डॉ.मेराजुद्दीन का नाम भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है।
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अखिलेश यादव , नरेश उत्तम, सुरेंद्र नागर, किरनमय नंदा, बलराम यादव, संजय लाठर, राजेंद्र चौधरी, अहमद हसन, कमाल अख्तर, सुनील यादव, ब्रजेश यादव व प्रदीप तिवारी
Published on:
12 May 2018 04:53 pm
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