12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जब हाथ की लकीरों ने छोड़ा साथ तो डॉक्टरों ने सर्जरी से कर दिया ये कमाल

सर्जन डॉ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि 15 सितंबर 2017 को उनके अस्पताल के आपातकालीन विभाग में राजेंद्र कुमार मिश्रा आए थे।

2 min read
Google source verification
Hand surgery

नोएडा। कहा जाता है हाथों की लकीरें तकदीरों से जुड़ी होती हैं, लेकिन राजेंद्र का हाथ मशीन में आ जाने के बाद उसकी इन तकदीर की लकीरों ने भी उसका साथ छोड़ दिया था। सही समय पर डाक्टरों ने सर्जरी कर न सिर्फ हाथ को बचा लिया बल्कि अब उसके हाथों पर नयी लकीरें भी उभर आई हैं।

यह भी देखें-घर में पुलिस ने मारा छापा तो रह गई सन्न

दरअसल ये कारनामा किया है कैलाश अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने। डॉक्टरों ने दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त बाएं हाथ की सभी उंगलियों की माइक्रोवस्कुलर सर्जरी कर राजेंद्र को विकलांग होने से बचा लिया। बेहद जटिल इस आपरेशन में कैलाश अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने आठ घंटे के मैराथन प्रयास के बाद हाथ को ठीक करने में कामयाबी पाई।

यह भी पढ़ें-मुजफ्फरनगर में फिर पुलिस और बदमाशों के बीच भीषण मुठभेड़, मारा गया 25 हजार का यह इनामी

सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल के सभागार में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अस्थि एवं हाथ पुनर्रचना सर्जन डॉ. अभिषेक शर्मा मरीज राजेन्द्र के हाथों की पट्टी खोलने में लगे थे इस दौरान सभी लोग उत्सुकता से देख रहे थे। पट्टी खुलने के बाद जब राजेन्द्र ने हाथ हिलाया और बताया कि उसने एक बार तो अपने हाथ के बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे क्योंकि अन्य अस्पताल के डॉक्टर कलाई से हाथ काटने की सलाह दे रहे थे।

यह भी पढ़ें-गजबः आजादी से पहले का यह पुल पहुंचाता था सीधे कोलकाता, अब इस हालत में

सर्जन डॉ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि 15 सितंबर 2017 को उनके अस्पताल के आपातकालीन विभाग में राजेंद्र कुमार मिश्रा आए थे। उनके बाएं हाथ की सभी उंगलियां कुचलकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गर्इं थी। सीधा कहा जाए तो उनके बाएं हाथ की पूरी हथेली ही चपटी हो गई थी। यह बिल्कुल असामान्य स्थिति थी।

देखें वीडियो-अब मुठभेड़ में मारा गया यह इनामी

उन्होंने बताया कि रोगी को ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर उसके हाथ की उंगलियों और अंगूठे के बीच की धमनियों को पांच जगह से जोड़कर प्रॉक्सीमल अलनर धमनी से चार जगह से बर्हिवाव किया गया और हाथ में जगह-जगह टूटी हुई हड्डियों को के.वायर की सहायता से जोड़ा गया। डॉ. अभिषेक ने बताया कि आठ घंटे के आपरेशन के बाद हमारी टीम को रोगी का हाथ बचाने में कामयाबी मिली। उन्होंने बताया कि एनसीआर में अपनी तरह की यह पहली माइक्रोवस्कुलर सर्जरी है।