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इस जड़ी-बूटी से अब यौन शक्ति बढ़ाने के साथ दूर होगा मोटापा, शोध में हुआ खुलासा

शारदा यूनिवर्सिटी की डॉ. ऋचा तिवारी और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के औषधि विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित वर्मा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी काली मूसली (Kali Musli) पर एक खास शोध किया है। उन्होंने इससे एक ऐसी देसी दवा खोजी है, जिससे न केवल मोटापा घटेगा (Remove obesity) बल्कि यौन शक्ति भी बढ़ेेगी (Sexual power increase)। उनका यह अध्ययन सफल हो गया है।

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नोएडा

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lokesh verma

Mar 13, 2022

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रख पाए। फास्ट फूड खाकर लोग अपनी सेहत से खिलवाड़ करते हैं और मोटापे के अन्य शारीरिक बीमारियों का शिकार हो जातें हैं। आम हो चली इस समस्या को देखते शारदा यूनिवर्सिटी की डॉ. ऋचा तिवारी और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के औषधि विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित वर्मा एक खास शोध किया है। उन्होंने एक ऐसी देसी दवा खोजी है, जिससे न केवल मोटापा घटेगा (Remove obesity) बल्कि यौन शक्ति भी बढ़ेेगी (Sexual power increase)। बता दें कि काली मूसली (Kali Musli) पर उनका यह अध्ययन सफल हो गया है। जिसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एंड ड्रग में भी स्थान मिला है। इसके साथ ही इस दवा का पेटेंट भी मिल गया है।

बता दें कि काली मूसली का आयुर्वेद में अहम स्थान है। इसका इस्तेमाल यौन शक्ति बढ़ाने के साथ ही शारीरिक दुर्बलता को खत्म करने लिए होता है। डॉ. अमित वर्मा का कहना है कि अब इससे मोटापा भी घटेगा। दरअसल, दोनों वैज्ञानिक ने कड़ी मेहनत के बाद काली मूसली की जड़ों में ऐसे कंपाउंड ढूंढ निकाले हैं, जिनसे मोटापा दूर हो सकेगा। इन तीन कंपाउंड के नाम करकूलिगोल, लाइकोरीन और करकूलिग्निन एबीसी हैं। डॉ. अमित वर्मा ने बताया कि एनिमल पर किया गया अध्ययन पूरा हो चुका है। अब शोध ह्यूमन ट्रायल की तरफ बढ़ रहा है। इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एंड ड्रग रिसर्च में भी स्थान मिला है।

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किसी वैज्ञानिक ने नहीं खोजे थे काली मूसली में मोटापा घटाने के कंपाउंड

दोनों वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी तक काली मूसली को लेकर कई शोध किए गए हैं, जिनसे विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवा बनाई गईं। लेेकिन, अब तक किसी भी वैज्ञानिक ने मोटापा दूर करने वाले कंपाउंड नहीं खोजे थे। उन्होंने अपना अध्ययन 2019-20 में शुरू किया था। शुरुआत में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन वह जुटे रहे। कड़ी मेहनत के बाद काली मूसली के अलग तरह के कंपाउंड मिलने के बाद उनका शोध आगे बढ़ सका।

इस तरह पूरा हुआ शोध

उनकी टीम ने चूहों पर अध्ययन करने के चूहों के पांच ग्रुप बनाए और उन्हें हाई डाइट दी। इसके बाद देखा गया कि कुछ ही दिन में चूहों का कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ गया। एंजाइम से लेकर प्रोटीन का स्तर भी बढ़ा। फिर चूहों पर काली मूसली की जड़ों के कंपाउंड का इस्तेमाल किया गया, जिसका असर यह हुआ कि कुछ दिन में ही चूहों का वजन कम होने लगा। उनकाा कोलेस्ट्रॉल कम हो गया और प्रोटीन का स्तर बढ़ गया। इसके साथ ही चूहों में कई बदलाव देखने को मिले। इस शोध को चूहों के कई ग्रुपों पर किया गया, जिससे उनकी एनिमल स्टडी पूरी हुई।

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जानें काली मूसली के गुण

डॉ. अमित वर्मा ने बताया कि काली मूसली एक औषधीय पौधा है। यह हल्का मीठा और कड़वा होता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसका इस्तेमाल यौन शक्ति बढ़ाने के साथ ही कई आयुर्वेदिक दवाओं में होता है।