
Pulwana Attack: इस शहीद जवान ने आतंकी हमले से कुछ देर पहले किया था भाई को फोन, बताई थी ये बात
नोएडा. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में यूपी के शामली जिले का लाल प्रदीप भी शहीद हो गया है। यहां बता दें कि जवान प्रदीप कुमार दो दिन पहले ही छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटा था। परिजनों ने बताया कि प्रदीप अपने चचेरे भाई की शादी में शरीक होने के लिए 8 फरवरी को छुट्टी पर घर आया था और 12 फरवरी को वापस लौटा था। आतंकी हमले से करीब चार घंटे पहले ही प्रदीप ने अपने भाई से फोन पर बात की थी। प्रदीप ने फोन पर जानकारी दी थी कि वह ड्यूटी पर पहुंच गया है। इसके बाद वे भी निश्चिंत हो गए थे, लेकिन जैसे ही पुलवामा में आतंकी हमले में प्रदीप के शहीद होने बात पता चली तो उनके पैरों तले जैसे जमीन ही न रही। भरे गले से पिता जगदीश ने बताया कि उन्हें गर्व है कि बेटा देश के लिए शहीद हो गया है। लेकिन, अब वे चाहते हैं कि सरकार शहादत का इस तरह बदला ले कि आतंकियों और उनको शरण देने वाले पाकिस्तान की सात पीढ़ियां भी याद रखें। इसके बाद ही शहीद जवानों की चिता ठंडी हो सकेगी।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद प्रदीप कुमार के परिजनों ने बताया कि वह 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। हाल ही में प्रदीप की पोस्टिंग श्रीनगर में थी। उसके परिवार में पत्नी कामिनी और दो बेटे सिद्धार्थ और दुष्यंत हैं, जो गाजियाबाद में रहते हैं। इसके अलावा अन्य परिजन शामली जिले के गांव में ही रहते हैं। प्रदीप के परिजनों ने बताया कि 8 फरवरी को प्रदीप चचेरे भाई की शादी के लिए छुट्टी लेकर आया था। इसके बाद 12 फरवरी को प्रदीप वापस ड्यूटी पर लौटा था। चचेरे भाई उमेश ने बताया कि गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे प्रदीप का फोन आया था। उस वक्त प्रदीप ने कहा था कि वह अपनी ड्यूटी पर पहुंच गया है। इसके बाद सभी परिजन निश्चिंत हो गए थे, लेकिन शाम को जैसे ही उन्हें आतंकी हमले की खबर मिली तो वे परेशान हो उठे। यह देख उन्होंने प्रदीप को फोन किया तो इसके बाद फोन नहीं लग पाया। वे लगातार प्रदीप से संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान रात करीब सवा 9 बजे बटालियन से अधिकारी का फोन आया कि प्रदीप शहीद हो गए हैं। यह सुनते ही परिवार में चीख-पुकार मच गई। वहीं जैसे ही प्रदीप के शहीद होने की खबर उसके दोस्तों और अन्य लोगों को लगी तो वे तुरंत घर पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। बताया जा रहा है कि प्रदीप का पार्थिव शरीर आज रात या शनिवार सुबह घर पहुंच सकता है।
इधर, प्रदीप के परिजनों को सांत्वना देने जिले के एसपी व जिलाधिकारी भी पहुंचे। इस दौरान प्रदीप के पिता जगदीश ने कहा कि उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन वे चाहते हैं कि मोदी सरकार उसकी शाहदत का बदला लेते हुए आतंकियों और पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाए की उनकी सात पीढ़ियां भी याद रखें। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा बहुत ही बहादुर था।
Updated on:
15 Feb 2019 07:00 pm
Published on:
15 Feb 2019 06:58 pm
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