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Mothers Day 2018: बेटी की खातिर इस महिला ने थामी थी पिस्तौल, आज दुनिया करती है सैल्यूट

अंतरराष्ट्रीय मदर्स-डे के अवसर हम आपको एक ऐसी मां की कहानी बता जा रहे हैं, जिसने वेस्ट यूपी की कई बेटियों को राह दिखाई

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Shooter Dadi

शरद अस्थाना, नोएडा। वैसे तो सब दिन मां के हैं लेकिन 13 मई को पूरी दुनिया इस दिन को मां को समर्पित कर देती है। आज अंतरराष्ट्रीय मदर्स-डे के अवसर हम आपको एक ऐसी मां की कहानी बता जा रहे हैं, जिसने न केवल अपनी बेटी और पोती के लिए बल्कि वेस्ट यूपी की कई बेटियों के लिए घर के दरवाजे खाेले। कई सम्मान और अवार्ड हासिल कर चुकी इन बुजुर्ग को आज दुनिया शूटर दादी के नाम से जानती है।

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फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है शूटर दादी की कहानी

अब नोएडा के सेक्टर 74 में रह रही 80 साल की बुजुर्ग प्रकाशी तोमर उर्फ शूटर दादी की कहानी किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है। रिटायरमेंट की उम्र के बाद जब लोग आराम करने की सोचते हैं, उस उम्र में इन्होंने बेटी और पोती की खातिर रिवॉल्वर पकड़ ली थी। इसके बाद जो हुनर सामने आया, उसने न केवल उनकी बेटी व पोती बल्कि वेस्ट यूपी की कई बेटियों को प्रेरणा दी।

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आठ बच्चे और 15 पोते-पोतियां हैं

80 साल की प्रकाशी तोमर आठ बच्चों की मां हैं आैर उनके 15 पोते-पोतियां हैं। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के गांव जोहरी गांव की रहने वाली हैं। पत्रिका को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनके गांव में डॉक्टर राजपाल ने एक शूटिंग रेज शुरू की थी। उनकी बेटी सीमा और पोती रूबी ने भी उसमें जाने की इच्छा जताई लेकिन मना कर दिया गया। बहुत मनाने के बाद उनके पिता माने और दोनों को वहां एडमिशन करा दिया। इसके बाद भी मुश्किल खत्म नहीं हुई। दोनों ने अकेले जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद प्रकाशी तोमर ने उनके साथ जाना शुरू किया। एक बार उनकी बेटी सीमा से पिस्टल में छर्रा नहीं भरा जा रहा था। यह देखकर प्रकाशी तोमर ने पिस्टल में छर्रा भरा और बंदूक चला दी। छर्रा बिल्कुल निशाने पर लगा। फिर क्या था वह बन गईं शूटर।

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गांव वालों ने उड़ाया मजाक

इसके बाद वह बेटी और पोती के साथ चोरी छिपे प्रैक्टिस करने लगीं लेकिन बात ज्यादा दिन तक दबी न रह सकी। गांव वालों को यह पता चलने पर उनका काफी मजाक उड़ाया गया पर उन्होंने हौसला नहीं हारा। उनका कहना था कि पति से लेकर महिलाओं और पुरुषों ने उनका मजाक उड़ाया, जिससे उनका मनोबल और बढ़ गया।

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सबके सोने के बाद करती थीं प्रैक्टिस

वह घर और खेत, दोनों ही संभालती थीं। जब घर के सभी लोग रात में सो जाते थे तब वह पानी का जग भरकर निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थीं। शूटर दादी ने बताया था कि एक बार उन्होंने डीजीपी रेंज के अधिकारी को शूटिंग में हराया था। आज उन्हें पूरी दुनिया शूटर दादी के नाम से जानती है। इसके बाद जोहरी गांव ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलाें की बेटियाें के लिए वह प्रेरणा बन गईं। इतना ही नहीं बेटियों को घर से निकलने का मौका भी मिला।

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कर चुके हैं सम्मानित

वहीं, खुद प्रकाशी देवी केे इस जज्बे ने उन्हें कई सम्मान दिलाए। शूटर दादी निशानेबाजी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल और ट्रॉफी जीत चुकी हैं। उनको पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रदत्त नारी शक्ति अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है। इतना ही नहीं उनका 100 अचीवर्स की लिस्ट में भी शामिल हैं।

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बेटी बनी इंटरनेशनल शूटर, पोती है इंस्पेक्टर

उनकी बेटी सीमा आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग कर रही हैं। वह अभी हाल ही में हुई कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेकर आई हैं और फरीदाबार में प्रैक्टिस कर रही हैं। जबकि उनकी पोती रूबी आज पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। प्रकाशी तोमर की बदौलत आज तीन पीढ़ियां नेशनल या इंटरनेशनल स्तर की निशानेबाज हैं।