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संयुक्त राष्ट्र के मंच पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा को मिलेगी नई पहचान, दुनियाभर में एजुकेशन हब के रूप में बिखेरेगा चमक

यूएन ने ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज 2025 इनिशिएटिव में भाग लेने के लिए भारत का एकमात्र शहर बना नोएडा और ग्रेटर नोएडा

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नोएडा

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lokesh verma

Nov 26, 2018

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संयुक्त राष्ट्र के मंच पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा को मिलेगी नई पहचान, दुनियाभर में एजुकेशन हब के रूप में बिखेरेगा चमक

नोएडा. यूनाइटेड नेशन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा को ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज 2025 इनिशिएटिव के तहत 'यूनिवर्सिटी सिटी' में भाग लेने के लिए चुना है। इसके लिए 05 श्रेणियों में दुनिया के सिर्फ 20 शहरों को चुना गया है। नोएडा ग्रेटर नोएडा के अलावा चुनी जाने वाली अन्य यूनिवर्सिटी सिटीज में कैम्ब्रिज, पालो आल्टो, ट्रानढाइम और हाइडिल बर्ग शामिल हैं। जिलाधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए गर्व का विषय है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बुनियादी ढांचागत तंत्र विकसित करने की दिशा में किए जा रहे सकारात्मक प्रयासों का परिणाम है।

देश के एकमात्र शहर नोएडा और ग्रेटर नोएडा को ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज 2025 इनिशिएटिव के तहत 'यूनिवर्सिटी सिटी' में भाग लेने के लिए चुना गया है। नोएडा डीएम कैम्प ऑफिस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डीएम बीएन सिंह ने बताया की संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ सलाहकार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोलैंड शैट्ज ने भारत के एसडीजी सिटीज इनिशिएटिव के प्रधान सलाहकार डॉ. शुभ्रो सेन के साथ उनसे मुलाकात की और नोएडा को सस्टेनेबल गोल्स 2025 के अनुरूप पूर्ण रूप से अनुपालक बनाने वाले वैश्विक शहरों में शामिल करने के लिए रेस टू सस्टेनेबल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए गर्व का विषय है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बुनियादी ढांचागत तंत्र विकसित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का नतीजा है।

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इस दौरान यूएन के सीनियर कल्संटेंट और सीईओ, रोलैंड शैट्ज ने कहा कि एसडीजी सिटीज इनिशिएटिव के परिणाम स्वरूप विभिन्न यूएन एजेंसियों, पार्टनर्स और काॅरपोरेट सपोर्टरों के जरिए वैश्विक ज्ञान, संसाधनों और क्षमता निर्माण को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आने का मौका मिलेगा। इसका मकसद सस्टेनेबिलिटी इनोवेशन और रिसर्च हब्स के लिए अन्य प्रतिभागी यूनिवर्सिटी सिटीज कैम्ब्रिज, पालो आल्टो, ट्रानढाइम और हाइडिलबर्ग जैसे शहरों के साथ मिलकर काम करना है।

इस मौके पर एसडीजी सिटीज इनिशिएटिव के चीफ कल्संटेंट डॉ. शुभ्रो सेन ने कहा कि इस पहल के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित यूनिवर्सिटी और स्कूलों, निगमों और नागरिकों के बीच परस्पर तालमेल का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत से शहरों को चुनने के क्रम में पाया गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विश्वविद्यालयों और कालेजों की मौजूदगी अधिक है और इसके चलते ये शहर पहल के लिहाज से काफी संभावनाशील है।

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यूएनजीएसआईआई इंडिया के सलाहकार परिषद् के संयोजएकर अजय दवेसर ने कहा कि इस पहल को लेकर वे शुरू से ही उत्साहित हैं। एसडीजी सिटीज इनिशटिव में भाग लेने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा को शानदार वैश्विक मंच उपलब्ध होगा। आपको बता दें कि ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट इंस्टीट्यूट फाउंडेशन की स्थापना मई 2014 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, जेनेवा के कार्यालय, प्रमुख शिक्षाविदों, वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों संयुक्त राष्ट्र संस्थानों से सम्बद्ध विभिन्न अधिकारिओं द्वारा की गई थी। इसका मकसद यूएनजीएसआईआई का अनूठा रिसर्च प्लेटफार्म और इकोसिस्टम एसडीजी की क्रियान्वयन प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करता है।

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