
नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित सुपरटेक बिल्डर के एमरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट और सीएम योगी के आदेश के बाद अधिकारी हरकत में आ गए हैं। सुपरटेक बिल्डर और अधिकारियों की मिली भगत से हुए फर्जीवाड़े की जांच के आदेश सीएम योगी ने दिए थे। जांच टीम ने प्राथमिक जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप दी है।
प्रारंभिक जांच में छह अफसर दोषी
नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर यह जांच प्राधिकरण के एसीईओ नेहा शर्मा और एसीईओ प्रवीण कुमार मिश्रा ने की है। प्राथमिक स्तर पर इस फर्जीवाड़े के लिए छह अफसरों को प्राधिकरण ने दोषी माना है। नोएडा प्राधिकरण ने इस जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दिया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से विभागीय जांच या कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके अलावा जरुरत पड़ने पर आपराधिक केस भी दर्ज किए जा सकते हैं।
नियमों को नजरअंदाज कर पास किया गया नक्शा
जानकारी के अनुसार नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने नियमों को नजरअंदाज करते हुए सुपरटेक बिल्डर के दोनों टावरों के नक्शे को पास कर दिया। इतना ही नहीं आरडब्ल्यूए द्वारा इस संबंध में आरटीआई दाखिल कर जवाब मांगा था। जिसका प्राधिकरण के अधिकारियों ने ना तो जवाब दिया और ना ही नक्शा दिखाया।
छह में एक अफसर हो चुका है सेवानिवृत
प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि इस जांच में छह अफसरों में एक तत्कालीन अधिशासी अभियंता भी हैं। उस समय वह नक्शा कमिटी के सदस्य थे, वर्तमान में सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके अलावा चार अफसर प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग के हैं। इनमें से एक अधिकारी प्रशासनिक स्तर के अधिकारी बताए जा रहे हैं। जानकारी यह भी मिल रही है कि प्लानिंग विभाग के चार में से तीन अधिकारी सेवानिवृत हो चुके हैं। तो वहीं एक अधिकारी वर्तमान में किसी दूसरे प्राधिकरण में तैनात है। हालांकि अभी तक प्रशासनिक स्तर के अधिकारी का नाम पता नहीं चल पाया है।
शासन से निर्देश मिलने के बाद होगी कार्रवाई
गौरतलब है कि जिन छह अधिकारियों को प्राधिकरण के प्राथमिक जांच में दोषी माना गया है उनके विरुद्ध शासन स्तर से कार्रवाई होनी है। प्राधिकरण स्तर से सिर्फ इनकी विभागीय जांच ही हो सकती है। वहीं दोनों एसीईओ ने अपनी जांच में फर्जीवाड़े के लिए सुपरटेक बिल्डर को भी जिम्मेदार माना है। इसमें एमरॉल्ड कोर्ट सोसायटी की आरडब्ल्यूए की तरफ से उठाए गए सभी बिंदु शामिल किए गए हैं। अब यह आगे तय होगा कि बिल्डर पर कार्रवाई के लिए प्राधिकरण को शासन स्तर से क्या निर्देश मिलते हैं।
Published on:
03 Sept 2021 02:31 pm
बड़ी खबरें
View Allनोएडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
