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पत्रिका अभियान: डंपिंग ग्राउंड की वजह से 10% गिरे नोएडा में प्रॉपर्टी के दाम

सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड की वजह से हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही जेब पर भी पड़ेगा असर

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Dumping Ground

पत्रिका अभियान: डंपिंग ग्राउंड की वजह से 10% गिरे नोएडा में प्रॉपर्टी के दाम

नोएडा। भारी हंगामे और प्रदर्शन के बावजूद नोएडा सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड बनाने का काम जारी है। हालांकि, अब भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे स्थानीय निवासियों का कहना है कि जहां डंपिंग ग्राउंड बनने से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा, वहीं इलाके में प्रॉपर्टी के रेट में कमी आएगी। इसमें अभी से 10 फीसदी गिरावट दिखने लगी है, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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सेक्टर-123 में चल रहा डंपिंग ग्राउंड का काम

नोएडा सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड बनाने का काम चल रहा है। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग बुरी तरह परेशान हैं। अपने जीवनभर की कमाई लगाकर आशियाना बनाने वाले इस बात से चिंतित हैं कि वे अब स्वच्छ वातावरण में सांस नहीं ले पाएंगे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट और नोएडा के बीच बनने वाले इस डंपिंग ग्राउन्ड से न सिर्फ उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझने की चिंता सता रही है, बल्कि प्राॅपर्टी के दाम गिरने से उन्हें आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ेगी।

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स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा प्रभाव

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक सोसायटी में रहने वाले प्रशांत वर्मा कहते हैं कि भारी जद्दोजहद के बाद किसी तरह उन्हें उनके सपना का आशियाना मिला है। इसके लिए उन्होंने जीवनभर की कमाई लगा दी। यहां मकान लेते समय उन्हें लगा था कि प्रदूषण से दूर स्वच्छ वातावरण में रहने का अवसर मिलेगा, लेकिन डंपिंग ग्राउंड के इस प्रोजेक्ट ने उन्हें काफी निराश किया है। वह कहते हैं कि अब तो यहां प्राॅपर्टी के दाम भी काफी गिर गए हैं। यदि वे चाहें कि उसे बेचकर कहीं और शिफ्ट कर लें, तो भी संभव नहीं होगा, क्योंकि उन्हें उनकी प्रॉपर्टी में निवेश की गई रकम भी वापस नहीं मिलेगी।

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चिंतित हैं स्थानीय लोग

प्राॅपर्टी कारोबार के जानकार उपदेश कुमार भारद्वाज का भी कहना है कि साल-2007 में जब ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन का प्रोजेक्ट आया था, तब पूरे एनसीआर के लोगों ने यहां निवेश किया था। लगभग पांच लाख फ्लैट्स बनाने की योजना बनाई गई थी। यह परियोजना परवान भी चढ़ी। मौजूदा समय में कम से कम एक से डेढ़ लाख लोग अपने आशियाने में निवास भी कर रहे हैं, लेकिन सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड बनने से वे अपने स्वास्थ्य और प्राॅपर्टी के दाम गिरने से काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि कूड़ाघर की वजह से निश्चित तौर पर जमीनों के दाम गिरेंगे। कूड़ाघर के निर्माण से फिलहाल यहां प्राॅपर्टी के दाम में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

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9 हजार वर्गमीटर जमीन पर बनना है डंपिंग ग्राउंड

आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी को 8 जून तक सेक्टर-123 में 9 हजार वर्गमीटर जमीन पर 5 मीटर गहरा डंपिंग ग्राउंड तैयार करना था। इसका काम भी शुरू कर दिया गया था लेकिन हजारों लोगों के विरोध के कारण यहां काम में बाधा आ रही है। एनजीटी ने सेक्टर-54 में कूड़ा डालना बंद करने का आदेश दिया है। इसके बाद हाउसिंग सोसायटी, गांव और सेक्टरों में रह रहे हजारों लोग इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल, रिहायशी क्षेत्र से मात्र 50 मीटर की दूरी पर यह डंपिंग ग्राउंड बनना है। वहीं, अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तैयार होने में अभी करीब 2-3 साल का समय लग जाएगा। तब तक शहर से हर रोज निकलने वाला 600 टन कचरा यहीं पर डाला जाएगा। उधर, प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि डंपिंग ग्राउंड का असर ग्रेनो वेस्ट में भी पड़ेगा।