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यूपी में लिफ्ट और एस्केलेटर का बिना पंजीकरण संचालन अब अपराध, डीएम ने दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम-2024 के तहत सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कड़ी चेतावनी दी है कि देरी पर जुर्माना और संचालन बंद की कार्रवाई होगी। जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया यह सख्त कदम अब अनदेखा नहीं किया जा सकेगा।

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नोएडा

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Aman Pandey

Jun 11, 2025

Noida news

गौतम बुद्ध नगर में लिफ्ट पंजीकरण को लेकर डीएम ने की समीक्षा बैठक। PC: IANS

उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम-2024 के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक अहम समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिले की विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और हाउसिंग सोसायटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अधिनियम के तहत जनपद में संचालित सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का पंजीकरण अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह कानून जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लिफ्ट का संचालन सुरक्षित तरीके से किया जाए।

जुर्माने की चेतावनी

जिलाधिकारी ने यह भी चेतावनी दी कि पंजीकरण में लापरवाही या देरी करने वालों पर न केवल जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बैठक में मौजूद अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी प्रतिनिधियों को दी।

पंजीकरण में देरी पर लगेगा विलंब शुल्क

उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज, तकनीकी मानकों और समय सीमा का पालन आवश्यक है। सभी लिफ्ट संचालकों को अधिनियम की जानकारी दी जा रही है ताकि समय पर पंजीकरण हो सके। सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा रमेश कुमार ने बताया कि अधिनियम के अनुसार यदि कोई लिफ्ट स्वामी पंजीकरण में देरी करता है तो उस पर विलंब शुल्क लगाया जाएगा।

जानें कितनी है फीस

रमेश कुमार ने बताया कि अगर देरी 7 दिन तक की है तो 100 रुपए प्रतिदिन, 8 से 15 दिन तक 200 रुपए प्रतिदिन, 16 से 30 दिन तक 500 रुपए प्रतिदिन का विलंब शुल्क लगेगा। 30 दिन से अधिक की देरी पर लिफ्ट का संचालन तत्काल बंद कर दिया जाएगा और 10,000 रुपए का विलंब शुल्क जमा करने के बाद ही पुनः संचालन की अनुमति दी जाएगी। जिलाधिकारी ने आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों से अपील की कि सभी अधिनियम की जानकारी अपने परिसरों में रहने वाले नागरिकों को दें और लिफ्ट की नियमित जांच एवं रखरखाव सुनिश्चित कराएं।

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उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट संकेत दिया गया है कि अब बिना पंजीकरण के लिफ्ट या एस्केलेटर चलाना दंडनीय अपराध होगा और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी संबंधित स्वामी की होगी।