इस दौरान अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि संगोष्ठी का मुख्य विषय ‘उपभोक्ता देवो भव’ की विचारधारा के अनुसार बेहतर उपभोक्ता सेवा को केंद्रित करते हुए उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति व अन्य सेवाओ को सुदृण करने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया है। लेकिन उपभोक्ता देवो भव की चर्चा करते हुए वे अपने संस्थान में हो रहे उत्पीढन का दुखड़ा रोने लगे।
वहीं अपने संबोधित के दौरान ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विभाग में गिद्ध बनकर जो अधिकारी व कर्मचारी उपभोक्ताओं का शोषण करते हैं, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों के लिए विभाग में कोई जगह नहीं है। ईमानदार अफसरों को भी ऐसे गिद्धों से बचने की जरूरत है। उपभोक्ताओं के लिए देवो भव: वाला व्यवहार अधिकारी करें। इसके बाद देखिए निगम के हालात कैसे बदलेंगे। कार्यक्रम में उन्होंने अच्छे अधिकारी कर्मचारियों की सराहना की। वहीं लचर और खराब छवि वाले अफसरों को नसीहत दी। इस बात पर कुछ अधिकारी हंसे तो मंत्री ने कहा कि देखिए कुछ साथी हंस रहे हैं, जबकि बेईमान लोगों के कारण उपभोक्ता रो रहा है।
यह भी देखें: पुलिस बनी सहारा, पति पत्नी ने शुरू किया नया जीवन उन्होंने अफसरों से कहा कि बिजली उपकेंद्रों को आत्मनिर्भर बनाएं। इसके लिए बिजली उपकेंद्रों पर ट्रांसफार्मर समेत मशीनरी दुरुस्त रहे। अवर अभियंता व अन्य कर्मी हर समय वहां तैनात रहें। 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो, बकायेदारों की सूची बनाकर उनसे आग्रह व सख्ती से बकाया भी वसूला जाए। उपभोक्ताओं के हित में बेहतर काम करें, जिससे किसी का भी सिर न झुके।