31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खुल गया रैश ड्राइविंग करने वाले ड्राइवर का राज… सोनू नाम से बुकिंग लेता था नासिम

नोएडा में रैश ड्राइविंग करने वाले ड्राइवर की सच्चाई सामने आई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी अपनी पहचान छुपाकर बुकिंग लेता था। आरोपी की पहचान कासिम नाम से हुई है।

2 min read
Google source verification

नोएडा में रैश ड्राइविंग करने वाले ड्राइवर की सच्चाई सामने आई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी अपनी पहचान छुपाकर बुकिंग लेता था। आरोपी के पास से पुलिस ने दो अलग-अलग नामों के आधार कार्ड भी बरामद किए हैं। रैश ड्राइविंग करने का मामला तब समाने आया जब एक परिवार ने ग्रेटर नोएडा के लिए कैब बुक की।

कैब ड्राइवर के पास पूरे कागजात नहीं थे। इसी चक्कर में वह पुलिस से बचने के लिए कार को भगाने लगा। आरोपी को अपने पकड़े जाने का डर था। अगर वह रुका तो पुलिस उसे जानें नहीं देगी। इसके बाद आरोपी ने परिवार की एक भी न सुनी और रैश ड्राइविंग करता रहा।

फर्जी नाम से बुकिंग लेने का आरोप

आरोपी हरियाणा के पलवल जिले के हसावरी गांव का रहने वाला है। आरोपी ड्राइवर की पहचान नासिम के रूप में हुई है। वह सेक्टर-73 के सर्फाबाद गांव में रहता है। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि वह लोगों को धोखा देने के लिए बुकिंग ऐप पर अपना नाम सोनू बताता था। यही नहीं आरोपी ने अलग-अलग नामों से दो आधार कार्ड भी बनवा रखे हैं। पुलिस को दोनों आधार कार्ड आरोपी की कार से बरामद हुए हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

असम के शख्स ने बुक की थी कैब

असम के संजय मोहन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अजनारा होम्स सोसाइटी में रहते हैं। उनके परिवार में चार साल की बच्ची और उनकी पत्नी है। उन्होंने परिवार के साथ नोएडा से दिल्ली जाने के लिए कैब बुक की। रास्ते में पुलिस से बचने के लिए ड्राइवर ने परिवार की एक न सुनी और गाड़ी तेज रफ्तार कर भगाने लगा। इस दौरान परिवार लगातार उससे कैब रोकने की गुहार लगाता रहा, उसने एक न सुनी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।

परिवार बोलता रहा नहीं रुका नासिम

घटना नोएडा के पर्थला फ्लाईओवर ब्रिज के पास की है। वीडियो में परिवार के सदस्य ड्राइवर से बार-बार कहते सुनाई दे रहे हैं, "भैया आगे जाकर प्रॉब्लम हो जाएगी हमको, बच्चा है मेरे साथ भाई। भैया प्लीज रोक लो, भैया आप नहीं समझ रहे हो पीछे पुलिस है, आप बच नहीं पाओगे, वो जाने नहीं देंगे तुम्हें।" परिवार के लोग ड्राइवर को पैसे देने और बात करने का भी भरोसा देते रहे, लेकिन ड्राइवर ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी। वह गाड़ी दौड़ाता रहा।