ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि केे दिन धनिष्ठा नक्षत्र में परिध योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र लगेगा। वहीं, परिध योग के बाद शिव योग रहेगा। उन्होंने बताया कि परिध योग को शत्रुओं पर विजय पाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर ग्रहों का विशेष योग भी बन रहा है। मकर राशि के 12वें भाव में पंचग्रही योग बनेगा। मकर राशि में मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। जबकि लग्न में कुंभ राशि में सूर्य-गुरु की युति रहेगी। वहीं चौथे भाव का राहु वृषभ राशि में रहेगा तो केतु दसवें भाव के साथ वृश्चिक राशि में रहेगा।
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Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ महाशिवरात्रि पर पूजा की विधि पंडित चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं। 8 लोटा केसर मिलाकर जल चढ़ाएं। पूरी रात घर में दीप जलाकर चंंदन का तिलक लगाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग-धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टा, तुलसी के पत्ते, फल-मिठाई, पान और दक्षिणा अर्पित करें। इसके बाद केसर की खीर का भोग लगाने के बाद उसका प्रसाद बांटें। इसके बाद अंत में भोले बाबा से भूलों के लिए क्षमा मांगें।
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महाशिवरात्रि पर स्वर्णिम आभा से दमकेगा बाबा विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त - शिवरात्रि मंगलवार सुबह 3.16 बजे से बुधवार सुबह 10 बजे तक रहेगी। शिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का महत्व है।
- पहला पहर : एक मार्च शाम 6.21 बजे से रात्रि 9.27 बजे तक - दूसरा पहर : रात्रि 9.27 बजे से 12.33 बजे तक - तीसरा पहर : रात्रि 12.33 बजे से सुबह 3.39 बजे तक
-चौथा पहर : दो मार्च सुबह 3.39 बजे से 6.45 बजे तक