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ओवरलोड वाहनों पर कड़ी कार्रवाई, 13 वाहन हुए जब्त, 8.80 लाख रुपए का जुर्माना वसूला

नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने ओवरलोड भारी वाहनों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। उन्होंने 13 ओवरलोड वाहनों को पकड़ा और उनपर 8 लाख 80 हजार का जुर्माना लगाया है।

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नोएडा में भारी वाहनों का किया गया चालान, PC- IANS

नोएडा : जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मेधा रूपम के निर्देशों पर परिवहन विभाग ने ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक बड़ा अभियान चलाया। विभाग की कार्रवाई में बीती रात 13 ओवरलोड वाहनों को पकड़ा गया और उनका चालान करते हुए 8 लाख 80 हजार का जुर्माना शुल्क वसूला गया।

परिवहन विभाग की यह कार्रवाई सेक्टर-142, नॉलेज पार्क और बादलपुर क्षेत्र में की गई। इस अभियान की निगरानी संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) गौतम बुद्ध नगर डॉ. उदित नारायण पांडेय के निर्देशन में हुई, जबकि सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) नंद कुमार, अभिषेक कनौजिया और यात्रीकर अधिकारियों ने मौके पर मौजूद रहकर अभियान को अंजाम दिया।

डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 में अब तक विभाग ने 756 वाहनों का चालान किया है और 506 वाहनों को बंद किया गया है। इन कार्रवाइयों से अब तक 3 करोड़ 28 लाख का जुर्माना शुल्क वसूला जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह सख्ती आगे भी जारी रहेगी ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और ओवरलोडिंग पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके।

उन्होंने ओवरलोडिंग के नुकसान बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा ज्यादा होता है। ज्यादा वजन से वाहन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेक फेल, टायर फटने और पलटने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा वाहन की क्षति भी होती है। इंजन, सस्पेंशन, टायर और ब्रेक पर दबाव बढ़ता है, जिससे वाहन जल्दी खराब हो जाता है। साथ ही सड़कें भी खराब होती हैं। ओवरलोड वाहन गड्ढे और दरारें पैदा करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी टूट-फूट जाती हैं और बार-बार मरम्मत करनी पड़ती है। इसके साथ ही ईंधन की बर्बादी व प्रदूषण भी बहुत होता है। अधिक वजन उठाने में ज्यादा ईंधन खर्च होता है, जिससे लागत भी बढ़ती है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

परिवहन विभाग ने अपील करते हुए कहा है कि सभी ट्रक चालक, वाहन मालिक और परिवहन कारोबारी वाहनों की निर्धारित क्षमता का पालन करें और ओवरलोडिंग से बचें। ऐसा करने से न केवल सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा, बल्कि वाहनों की उम्र भी बढ़ेगी, सड़कें सुरक्षित रहेंगी और पर्यावरण की रक्षा होगी।