यह भी पढे़ं : यूपी के इस जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अब अपनाया जा रहा ये पैंतरा दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा का कहना है कि गन्ना किसानों के पिछले सत्र (2017-18) का भुगतान कराने के बाद ही नए सत्र (2018-19) का शुभारंभ होगा। इसके लिए सरकार ने अनुपूरक बजट के रूप में 5535 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह पहली बार हो रहा है। इससे सहकारी चीनी मिलों का शतप्रतिशत भुगतान हो जाएगा।
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4 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलों को सोफ्ट लोन के तैर पर दिया जाएगा। सहकारी मिलों के लिए 1010 करोड़ रुपये, राज्य चीनी निगम की मिलों को 25 करोड़ रुपये और निजी मिलों को 500 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए दिए जाने का प्रस्ताव है। ताकि किसानों के बकाया का भुगतान किया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि बीडवी मिल प्रबंधन ने किसी तरह की लापरवाही बरती तो सरकार खुद ही मिल चलवाने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि किसानों के खाते में साढे चार रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से पैसा भी जाएगा। यह भी पढ़ें
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सुरेश राणा ने बताया कि उन्होंने सहकारी व प्राइवेट चीनी मिलों पर बकाए के भुगतान के लिए 5535 करोड़ रुपये का प्रस्ताव जो तैयार किया गया है उसे राज्य मंत्रिमंडल से पारित कराने के लिए अगले सप्ताह रखा जाएगा। वहीं प्रदेश की चीनी मिलों में पेराई सीजन 20 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच जोर पकड़ता है। सीजन शुरू होने से पहले ही बकाया को शून्य करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह भी पढ़ें