5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यमुना एक्सप्रेस-वे को मिलने जा रही बड़ी सौगात, यूपी सरकार ने खास योजना के लिए शुरू की तैयारी

Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस-वे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है। लेकिन यहां कोई भी अस्पताल नहीं है। जिसे ध्यान में रखते हुए खासतौर पर दो ट्रॉमा सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

2 min read
Google source verification

नोएडा

image

Jyoti Singh

Jun 14, 2022

यमुना एक्सप्रेस-वे को मिलने जा रही बड़ी सौगात, यूपी सरकार ने खास योजना के लिए शुरू की तैयारी

यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) के लिए प्रदेश सरकार ने एक खास योजना की तैयारी की है। जिसके जरिए यहां होने वाले सड़क हादसों (Accident) में मौतों के आंकड़े को कम किया जा सकेगा। इसके लिए जल्द ही एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ ट्रामा सेंटर (Trauma Center) बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जेवर में यूपी सरकार की ओर से जुलाई में ट्रामा सेंटर का काम शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि इन दोनों में से एक ट्रामा सेंटर सरकारी तो दूसरा प्राइवेट होगा। वहीं जेवर विधायक का दावा है कि जुलाई में ट्रामा सेंटर का काम शुरू होकर जुलाई 2023 तक काम पूरा कर लिया जाएगा।

हादसों को देखते हुए उठाया गया ये कदम

बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जेवर और उसके आसपास बहुत तेजी से रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डवलपमेंट हो रहा है। इतना ही नहीं यहां इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी भी बन रही है। ऐसे में मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि यहां यमुना एक्सप्रेस-वे आए दिन छोट या बड़े सड़क हादसे होते रहते हैं। ऐसे में कई बार लोगों को सिर्फ इसलिए जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है, क्योंकि उन्हें वक्त रहते इलाज नहीं मिल पाता है।

यह भी पढ़े - जैसे को तैसा: दरोगा ने किया चालान, भड़के लाइनमैन ने पुलिस चौकी की काट दी बिजली

एम्बुलेंस और पुलिस गाड़ियों की संख्या बढ़ी

बता दें कि यमुना एक्सप्रेस-वे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है। लेकिन यहां कोई भी अस्पताल नहीं है। जिसे ध्यान में रखते हुए खासतौर पर ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई थी। हालांकि नियमों के मुताबिक जेपी कंपनी को एक्सप्रेस-वे के किनारे अस्पताल का निर्माण कराना था, लेकिन उसने नोएडा में अंदर जाकर अपना अस्पताल बनाया, जिसका फायदा एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट का शिकार होने वाले लोगों को नहीं मिल पाता है। वहीं एम्बुलेंस (Ambulance) और पुलिस (Police) पिकेट की गाड़ियों की संख्या बढ़ा दी गई है।

यह भी पढ़े - टि्वटर पर भी CM योगी का जलवा कायम, अखिलेश यादव समेत इन नेताओं को पछाड़कर पहुंचे इतने मिलियन पार

अब तक इतने लोग गवां चुके जान

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन को आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेस-वे पर जनवरी 2017 तक तकरीबन 4505 लोग सड़क हादसों का शिकार हो चुके हैं। इनमें से करीब 626 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं हर साल तौत के इन आकड़ों में तेजी आती दिख रही है। वहीं 2015 की तुलना में एक्सप्रेस-वे पर 2016 में 30 फीसद यानी करीब 1193 हादसे ज्यादा हुए थे।