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कैराना उपचुनाव: इस कद्दावर मुस्लिम नेता के चुनाव लड़ने की चर्चा

कैराना लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा नकुड़ और गंगोह सहारनपुर जिले का हिस्सा हैं

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imran masood

नोएडा। कैराना और नूरपुर उपचुनाव की घोषणा होते ही मुख्य दलों के उम्मीदवारों को लेकर भी कयास लगाए जाने लगे हैं। रोजाना एक नया समीकरण सामने आता है। जहां अब तक भाजपा की तरफ मृगांका सिंह और सपा से तबस्सुम हसन का नाम चल रहा है, वहीं रालोद की तरफ से पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के मैदान में उतरने के भी कयास लगाए जा रह हैं। इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े मुस्लिम नेता का नाम भी सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि अगर ये चुनाव में उतरे तो भाजपा समेत बाकी दलों का बिगड़ सकता है क्योंकि इस क्षेत्र पर इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वहीं, इनके चुनाव लड़ने की चर्चा से भाजपाइयों में खलबली मच गई है।

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इमरान मसूद की मानी जाती है पकड़

कैराना लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभा नकुड़ और गंगोह सहारनपुर जिले का हिस्सा है। भले ही यहां पर इस समय विधायक भाजपा के हों लेकिन पकड़ कांग्रेस के उपाध्यक्ष इमरान मसूद की मानी जाती है। इसके अलावा कैराना लोकसभा क्षेत्र में बड़ी आबादी मुस्लिमों और दलितों की है। माना जाता है कि इमरान मसूद के बयानों के कारण उन्हें यहां काफी पसंद किया जाता है। खुद यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष इमरान मसूद का कहना है कि कांग्रेस का यहां काफी जनाधार है। इतना ही नहीं जयंत चौधरी का नाम भले ही यहां से चल रहा हो लेकिन वह यहां अब तक देखे भी नहीं गए।

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क्या कहा इमरान मसूद ने

इससे यह भी माना जा रहा है कि उनके चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा शायद हकीकत में तब्दील न हो पाए। ऐसे में इमरान मसूद खुद अपनी किस्मत यहां से आजमा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो भाजपा और सपा का खेल बिगड़ सकता है। इस बारे में जब यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रालोद के साथ गठबंधन की जयंत चौधरी को चुनाव लड़ाने की है। जब उनसे पूछा गया कि अगर जयंत चौधरी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो क्या वह मैदान में उतरेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी फैसला करेगी।

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28 मई को होगी वोटिंग

आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट बाबू हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी। कैराना उपचुनाव के लिए 28 मई को वोटिंग और 31 मई को काउंटिंग होगी।

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ये हैं समीकरण

मुस्लिम- 5.20 लाख

दलित- 2.80 लाख

जाट- 1.30 लाख

गुर्जर- 1.24 लाख

कश्यप- 1.22 लाख

सैनी- 1.15 लाख

ठाकुर- 60 हजार

ब्राह्मण- 62 हजार

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