
नोएडा. उत्तर प्रदेश के विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने शिक्षक संघ के मजबूत किले ध्वस्त करते हुए 6 शिक्षक और 5 स्नातक एमएलसी सीट पर परचम लहरा दिया है। इस चुनाव में बीजेपी ने न केवल मुख्य विपक्षी दल सपा और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है, बल्कि 48 साल मेरठ-सहारनपुर सीट पर काबिज ओमप्रकाश शर्मा गुट के सियासी किले को भी ढहा दिया है। बता दें कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा ने ओमप्रकाश शर्मा को करारी शिकस्त दी है।
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश की 11 विधान परिषद की सीट पर कुल 199 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। समाजवादी पार्टी और शर्मा गुट ने जहां सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, भाजपा ने शिक्षक कोटे की छह एमएलसी सीटों में से चार पर ही अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। इस चुनाव से पहले तक शिक्षक और स्नातक की सीटों पर शर्मा गुट का एकछत्र राज था, लेकिन यहां भी भाजपा ने ऐसी किलेबंदी की कि सपा और शर्मा गुट के सभी समीकरण फेल हो गए।
आजादी के बाद पहली बार हारे ओमप्रकाश शर्मा
दरअसल, मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट पर 48 साल ओमप्रकाश शर्मा काबिज थे, लेकिन इस बार भाजपा ने ऐसी तिकड़म भिड़ाई है कि ओमप्रकाश शर्मा का किला ध्वस्त हो गया है। वह भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा से 4232 मतों से हार गए हैं। ओमप्रकाश शर्मा की इस हार के साथ ही माना जा रहा है कि माध्यमिक शिक्षक संघ की सियासी पारी का भी अंत हो गया है। वहीं, लखनऊ शिक्षक सीट से भाजपा प्रत्याशी उमेश द्विवेदी ने चंदेल गुट के निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. महेंद्र नाथ राय हराकर जीत दर्ज की है, जबकि सपा उम्मीदवार उमाशंकर सिंह तीसरे स्थान पर रहे हैं।
बरेली से भाजपा तो वाराणसी से सपा जीती
वहीं, शिक्षक कोटे की सीट बरेली-मुरादाबाद पर भाजपा के हरीसिंह ढिल्लों और सपा उम्मीदवार संजय मिश्रा के बीच कड़ मुकाबला देखने को मिला। हालांकि नतीजे भाजपा प्रत्याशी हरीसिंह ढिल्लों के पक्ष में रहे। जबकि वाराणसी शिक्षक सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लाल बिहारी यादव ने जीते हैं। इस सीट पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। भाजपा यहां चेतनारायण सिंह के समर्थन में थी। उधर आगरा शिक्षक सीट से निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आकाश अग्रवाल ने जीत दर्ज की है।
दो यादव प्रत्याशी के चलते हारी सपा
गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक सीट से शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी जीते हैं। इस सीट पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, जिसका फायदा त्रिपाठी को मिला है। वहीं, दो यादव प्रत्याशी के कारण सपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां बता दें कि अभी तक पांच स्नातक सीट परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं।
Published on:
04 Dec 2020 01:15 pm
बड़ी खबरें
View Allनोएडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
