पुलिस की गिरफ्त में आए सरगना भूपेंद्र, तीरथ और चंद्र प्रकाश उस गैंग के सदस्य हैं जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी करा कर बैंकों को करोड़ों का चूना लगा चुका है। यूपी एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार नोएडा के 24 थाने में एफ़आईआर दर्ज़ कराई गई थी। जिसमें फर्जी कागजात के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी करा कर 5 लाख निकालने की शिकायत की थी। मामले की जांच शुरू की तो इस मुक़दमे के सीधे साक्ष्य बरामद हुए हैं। फिर एसटीएफ़ ने जाल बिछा कर तीनों आरोपियों को धर दबोचा।
यूपी एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार गिरफ़्तार गैंग का सरगना भुपेंद्र, कई मोबाइल कंपनियों और कई बैंकों के वेंडर के साथ काम कर चुका है। इसका मुख्य काम कस्टमर से काग़ज़ात लाना होता था। गिरफ़्तार दूसरा आरोपी तीरथ, नई दिल्ली मे टीवीएस शोरूम मे सेल्स मैनेजर के पद पर काम करता है और भुपेंद्र को KYC से सम्बंधित काग़ज़ात उपलब्ध कराता है। गिरफ़्तार तीसरा अभियुक्त चंद्रप्रकाश, एक वेंडर है जो इंटरनेट ग्लोबल कम्पनी मे काम करता है। ये कंपनी बैंकों के लिए जोब वर्क करती है और चंद्र प्रकाश विभिन्न बैंकों के लिए मौक़े पर जाकर क्रेडिट कार्ड लेने वाले कस्टमर को और उसके काग़ज़ात को घर जाकर सत्यापित करता है जिसके बाद क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
पुलिस का कहना है कि क्रेडिट कार्ड मिलते ही ये गैंग कार्ड की लिमिट को EOD-POS मशीन मे स्वैप कर लेते थे, इस काम मे कुछ वेंडर कमीशन लेकर स्वैप कराते थे। कार्ड की लिमिट ख़त्म होते ही कार्ड तोड़ कर फेंक देते थे। इंटरोगेशन के दौरान पता चला है कि इस गैंग ने पिछले 3 साल मे विभिन्न बैंकों से 1000 से ज़्यादा फर्ज़ी कागज़ों आधरित क्रेडिट कार्ड जारी कराकर बैंकों से लगभग 10 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके हैं। विभिन्न बैंकों के 36 क्रेडिट कार्ड/ डेबिट कार्ड, 8 आधार कार्ड, 7 पासबुक, 8 मोबाइल, विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड जारी करने के 41 ख़ाली/ भरे ओरिज़िनल फ़ार्म, एक लैपटाप मय प्रिंटर, लैपटाप मे हज़ारों की संख्या में KYC की सॉफ्ट कॉपी विभिन्न व्यक्तियों से सम्बंधित अभिलेखों की कापी बरामद की है।