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उत्‍तर प्रदेश्‍ा के इस जिले में खुला अनोखा बैंक, जहां पुरुष भी दान कर रहे सैनेटरी पैड

उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक पैड बैंक खोला गया है, जो इन्‍हें गांवों और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाली महिलाओं तक पहुंचाएगा

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नोएडा।अक्षय कुमार की फिल्‍म पैडमैन आने के बाद महिलाओं की एक बड़ी समस्‍या सामने आई है। एक रिपोर्ट में भी यह खुलासा हुआ है कि ग्रामीण व गरीब तबके की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में होने वाले सभी तरह के कैंसर में 22 फीसदी का आंकड़ा सर्वाइकल कैंसर का है, जिसका मुख्‍य कारण महिलाओं द्वारा सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं किया जाना बताया गया। वहीं, इसको लेकर कई संस्‍थाएं भी अब आगे आ रही हैं। जैसे मेरठ के मवाना में पैडवूमेन नाम का एक ग्रुप है, जो सस्‍ती तकनीक से सैनेटरी पैड बनाने का काम करता है। इतना ही नहीं उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद में तो एक पैड बैंक खोला गया है, जो सैनेटरी पैड जुटाकर उन्हें गांवों और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाली जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचाएगा।

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पिंकिश ग्रुप ने शुरू की पहल

गाजियाबाद शहर में यह पहल पिंकिश ग्रुप ने की है। ग्रुप की राष्ट्रीय महासचिव शालिनी गुप्ता ने बताया कि शुरुआत में इस बैंक की चार शाखाएं ही खोली गई हैं। साथ ही दो दिन में ही हजारों पैड जुटाए जा चुके हैं। इसके लिए एक सिस्टम बनाया गया है, जिसमें पैड डोनेट करने वाले हर शख्स की डिटेल ऑनलाइन भरी जा रही है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के अलावा पुरुष भी पैड दान दे रहे हैं।

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वसुंधरा में पैड बैंक ऑफिस

इस पैड बैंक का हेड ऑफिस वसुंधरा में बनाया गया है। इसके अलावा क्रॉसिंग रिपब्लिक, कविनगर और इंदिरापुरम की ऑरेंज काउंटी में इसकी उपशाखाएं हैं। यहां लोग पैड डोनेट कर सकते हैं। जरूरतमंद महिलाएं यहां से पैड ले भी सकती हैं। जिले में ब्रांच को लीड करने वाली पल्लवी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला बैंक है।

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बनाए जाएंगे पैड कार्ड
राष्ट्रीय महासचिव शालिनी गुप्ता ने बताया कि पैड एकत्रित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद सभी चार बैंकों में आसपास के गांवों और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाली महिलाओं के पैड कार्ड बनाए जाएंगे। पैड लेने वाली महिलाओं की काउंसलिंग के साथ इसके प्रयोग के फायदों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। कार्ड बनाने वाली महिलाओं को हर महीने पैड दिए जाएंगे। जिस महीने उनकी एंट्री नहीं होगी, एक टीम को उनके पास भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल उन महिलाओं के लिए है, जो जानकारी के अभाव में अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाती। हम लोग उनके पास जाएंगे और सैनेटरी पैड के उपयोग के फायदों के बारे में बताएंगे।

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