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जानिए, किसलिए मनाया जाता है पर्यावरण दिवस, क्याें आैर कब मनाने की पड़ी जरूरत

सन् 1972 में बैठक हु्र्इ थी।जिसमें यह फैसला लिया गया  

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नोएडा

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Nitin Sharma

Jun 05, 2018

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जानिए, किसलिए मनाया जाता है पर्यावरण दिवस, क्याें आैर कब मनाने की पड़ी जरूरत

नोएडा।World Environment Day: 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यहीं कारण है कि मंगलवार सुबह से ही पर्यावरण दिवस को लेकर सोशल मीडिया पर एक दूसरे को बधार्इ देने के मैसेज शुरू हो गये हैं।लेकिन क्या आप जानते है कि पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है। इसे पांच जून को ही क्यों मनाते है। इसका क्या फायदा है। अगर आप भी इन सवालों के बीच घुम रहे हैं आैर जवाब पाना चाहते है तो पढ़े ये खबर।

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इसलिए मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस (Why do we celebrate the World Environment Day?)

धरती का बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ सभी जीवों के लिए खतरा बन रहा है। जिसके चलते जीव-जन्तुआें के विलृप्त होने के साथ ही लोगाें को भी सांस लेने से लेकर स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो रही है। इसकी वजह पर्यावरण को नुकसान पहुंचना है। जिसका अगला प्रभाव जीव-जन्तु आैर फिर मनुष्य पर पड़ता है। अगर हम अपने पर्यावरण का ही ख्याल नहीं रखेंगे तो आने वाले सालों में पर्यावरण से संबधित समस्यायें इतनी बढ़ जाएंगी कि जीवन जीना मुश्किल होने लगेगा। यहीं कारण है कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए हर साल पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

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इस दिन से शुरू हुआ विश्व पर्यावरण दिवस, पांच जून को मनाने की ये है वजह (when is world environment day)

बदलते जमाने आैर नये नये अविष्कारों के साथ ही प्रदूषण बढ़ने की समस्या सामने आने लगी। इस पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों के साथ मिलकर एक बैठक की। इस बैठक में 119 देशों ने हिस्सा लिया और सभी ने एक ही धरती के सिद्धांत को मान्‍य करते हुए हस्‍ताक्षर किए। साथ पर्यावरण बचाने आैर लोगाें को जागरूक करने के लिए इसमें विचार- विमर्श किया गया। इसके बाद पांच जून को पहला पर्यावरण सम्मेलन मनाया गया। जिसके बाद विश्व में पर्यावरण दिवस पर सम्मेलन शुरू हुए आैर इस दिन को विश्व पर्यावरण दिवस घोषित कर दिया गया।

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इस दिन शुरू हुआ था अधिनियम लागू, हर साल बदलती है थीम

वहीं आप को बता दें कि 19 नवंबर 1986 को पर्यावरण अधिनियम लागू किया गया था। 1987 में हुर्इ एक बैठक में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने रखा गया। इसके बाद से ही विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाने लगा। इसके साथ ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस पर अलग अलग थीम रखी जानी लगी। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर चर्चा करते हैं।