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Work from Home कल्चर के कारण बढ़ने लगे रीढ़ की हड्डियों में दिक्क्त के मामले, ऐसे रखें खुद को फिट

locationनोएडाPublished: Apr 27, 2021 01:50:38 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

work from home culture
कोरोना के चलते कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम कर दिया है। आफिस की चहल कदमी और सही फर्नीचर न होने है कारण। ऑर्थोपेडिक सर्जन की सलाह, इसे इग्नोर न करें।

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नोएडा। कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी के फैलने से लॉकडाउन (lockdown) लगा और तमाम लोग पिछले एक साल से घरों में कैद होकर रह गए। जिसके चलते वर्क फ्रॉम होम (work from home culture) यानि घर से काम करने का कल्चर चल निकला। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद समेत एनजीआर में तमाम की तादाद में इंजीनियर, आईटी सेक्टर से जुड़े लोग व अन्य कर्मचारी रहते हैं जो वर्क फ्रॉम होम करते हैं। लेकिन ऑफिस की चहल कदमी की जगह की कमी और वैसे फर्नीचर न होने की स्थिति में अब लोगों में रीढ़ की हड्डी (back pain) से संबंधित बीमारियां होने लगी हैं।
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डॉक्टर (लेफ्टिनेंट कर्नल रिटायर्ड) शिशिर कुमार, जोकि नॉएडा के मेट्रो अस्पताल के जाने माने ऑर्थोपेडिक सर्जन (हड्डी रोग विशषज्ञ सर्जन) हैं, बताते हैं कि वर्क फ्रॉम होम से न सिर्फ रीढ़ की हड्डी, बल्कि गर्दन से भी संबंधित समस्याओं के मरीज आ रहे हैं। सही पोश्चर में न बैठने से और लगातार घंटों तक बैठकर काम करने से ये समस्याएं सामने आ रही हैं। न सिर्फ जवान लोग, बल्कि बूढ़े-बुजुर्ग व वे लोग भी जिन्हें चलने फिरने और व्यायाम की ज्यादा जरूरत है और लॉकडाउन के दौरान घरों में ज्यादा वर्कआउट नहीं कर पाए, उन्हें भी रीढ़ संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं।
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डॉक्टर कुमार बताते हैं की वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों को स्टैंडिंग डेस्क की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे की वो खड़े होकर भी अपने कम्प्यूटर और लैपटॉप पे काम कर सकें। स्टैंडिंग डेस्क से न सिर्फ पोस्चर ठीक होता है बल्कि ज्यादा कैलोरी बर्न होने से सेहत भी ठीक रहती है। लेकिन स्टैंडिंग डेस्क भी आरामदेह होना चाहिए जिससे कंधो पर असर न पड़े। ऐसे डेस्क बनाने में ये ध्यान रखना चाहिए की आप सीधे खड़े होकर अपनी आँखों के सामने स्क्रीन रखकर, कंधे नॉर्मल स्थिति में रखकर काम कर सकें। इसके आलावा, काम के बीच में मौका निकलकर स्ट्रेचिंग करने चाहिए जिससे लोवर बैक और अपर बैक को आराम मिले। बिस्तर में पड़े रहकर ज्यादा देर तक काम न करें। रीढ़ संबंधित बीमारियों से सावधानी ही बचाव है और जिनको रीढ़ और गर्दन संबंधित दिक्क्त हो रही है वो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएँ, ऐसी बिमारियों को इग्नोर न करें।

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