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यहां पर ली है करोड़पतियों ने जमीन, अब हो सकता है भारी नुकसान

किसानों की जमीन लेने वाले बाहरी लोगों का निकाला जा रहा है ब्योरा अधिकारी से लेकर नेताआें के आ सकते है नाम।

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नोएडा

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Nitin Sharma

Jun 18, 2018

jewar land

यहां पर ली है करोड़पतियों ने जमीन, अब हो सकता है भारी नुकसान

नोएडा।उत्तर प्रदेश के इस जिले में प्राधिकरणों में सामने आए जमीन घोटाले के बाद अब सरकार यह कदम उठाने जा रही है।इसकी वजह किसानों की उठ रही मांग भी है।इसमें आरोप लगाया जा रहा है कि कुछ लोगों ने जमीन के भाव बढ़ने का पता लगते ही किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीद ली।यहीं कारण है कि अब प्राधिकरण खरीदाराें का ब्योरा निकालने में जुट गया है। इतना ही नहीं इसके बाद यह कार्रवार्इ भी हो सकती है।

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यूपी के इस जिले में जमीन खरीदारों का निकाला जाएंगा ब्योरा

यह जिला कोर्इ आेर नहीं बल्कि यूपी का शो विडो कहे जाने वाला गौतमबुद्धनगर है।जी हां यहां जेवर में हवार्इ अड्डे बनाने को लेकर लंबे समय से मांग चल रही थी।वहीं सालों पहले इस जगह पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनना लगभग सुनिश्चीत हो गया था।जिसके बाद इस इलाके में बाहरी अधिकारी से लेकर करोड़पति लोगों ने खूब जमीन खरीद ली।अब ऐसे लोगों की कुंडली यमुना प्राधिकरण खंगाल रहा है।इस इलाके में नेताओं से लेकर अफसरों तक ने मुनाफा कमाने के लिए जमीन खरीदी है।

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बाहरी लोगों ने भारी संख्या में किया है यहां जमीनों में निवेश

जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने को लेकर सभी तरह की अनुमति मिल गर्इ है।दिवाली से पहले अक्टूबर माह में यहां निर्माण कार्य के लिए इसकी आधारशिला रख दी जाएगी।एेसे में जब से इस इलाके में एयरपोर्ट बनने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। तभी से यहां बाहरी बड़े नेताआें से लेकर अधिकारियों के करीबी व कारोबारियों ने किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीद ली थी।यहां जमीन खरीदने वालों में नेता व अफसर भी शामिल हैं।इसकी वजह लोगों को अधिक मुनाफा पाने की चाह भी थी।लेकिन अब एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण जल्द होने वाला है।इससे पहले यमुना प्राधिकरण जमीन खरीदने वालों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।जिन आठ गांवों में प्रथम चरण में भूमि अधिग्रहण होनी है। वहां के गांवों की जांच पड़ताल की जा रही है।यहां पर बाहरी लोगों ने जमीन खरीदी है।

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जमीन खरीदने वाले लोगों को हो सकता है नुकसान

वहीं अब यहां जमीन खरीदनकर निवेश करने वाले करोड़पति बाहरी लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।इसकी वजह नियमों के अनुसार स्थानीय लोगों को ही आबादी भूखंड और आबादी जमीन छोड़ने का प्रावधान है।वहीं इस इलाके में जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों को मुआवजा राशि कम देने की मांग जोर पकड़ रही है।इतना ही नहीं भाकियू नेताआें ने मांग की है कि यहां जमीन लेेने वाले बाहरी लोगों को आधे से भी कम यानी 40 प्रतिशत मुआवजा दिया जाना चाहिए। वहीं 60 प्रतिशत मुआवजा मूल किसान को दिया जाना चाहिए। प्राधिकरण किसानों की इस मांग पर विचार कर रहा है। अगर ये नियम लागू हो गया। इलाके में जमीन लेने वाले बाहरी लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा।