
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नोएडा. (YearEnder 2020) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में साल 2020 में कुछ ऐसे खौफनाक अपराध हुए हैं, जिनसे आज तक लोग दहशत में हैं। हत्या, अपहरण, गैंगरेप, लूट या फिर साइबर क्राइम के कुछ ऐसे केस देशभर में सुर्खियों में रहे, जिन्होंने न केवल आम लोगों पर असर डाला, बल्कि यूपी पुलिस (UP Police) के साथ जांच एजेंसियों के भी होश उड़ाकर रख दिए। लेकिन, अपराध या अपराधी कितना ही बड़ा क्यों न हो, कानून उसे दबोच ही लेता है। 2020 अलविदा कहने को है तो आज हम आपको उत्तर प्रदेश में घटित हुए दस ऐसे बड़े अपराधों के बारे बताने जा रहे हैं, जिन्होंने प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश को भी हिलाकर रख दिया।
1. कानपुर का बिकरू कांड (Bikru Case)
कानपुर का बिकरू कांड एक ऐसी घटना थी, जिसने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। वर्ष 2020 में 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में पुलिस की टीम गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश देने गई थी। उस दौरान पुलिस की टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। रात के अंधेरे में हुए इस हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। एक साथ आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद पुलिस की नींद जागी और उसने विकास दुबे को पकड़ने के लिए अपना जाल बिछाया, लेकिन कई दिनों तक गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस को गच्चा देता रहा। हालांकि उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी पुलिस जब विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी तो गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई। विकास दुबे ने इस दौरान पुलिसकर्मी की गन छिनकर भागने का प्रयास किया और पुलिस ने एनकाउंट में विकास दुबे को मार गिराया। पुलिस के इस एनकाउंटर पर काफी सवाल भी उठे थे।
2. हाथरस गैंगरेप (Hathras Case)
14 सितंबर 2020 को हाथरस के एक गांव में दलित युवती से हुए गैंगरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। क्योंकि दरिंदों ने न केवल युवती से गैंगरेप किया था, बल्कि उससे जानवरों से भी बदतर सलूक किया गया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती की मौत हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने 29 सितंबर की रात ही मामले को दबाने के लिए करीब 2.30 बजे उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस और प्रशासन के इस रवैये को लेकर सियासत का बाजार गर्म हो गया। हालांकि बाद में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। फिलहाल इस केस में सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए चारों आरोपियों पर गैंगरेप और हत्या के साथ कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
3. छात्रा सुदीक्षा भाटी हत्याकांड (Sudiksha Bhati Massacre)
10 अगस्त 2020 को यूपी के बुलंदशहर में कथित छेड़छाड़ का शिकार हुई टॉपर छात्रा सुदीक्षा भाटी की हादसे में मौत हो गई थी। स्थानीय पुलिस ने मामला बढ़ते देख दो लोगों को गिरफ्तार किया था। ये वही दो लोग थे, जो सीसीटीव फुटेज में नजर आए थे। हालांकि बाद में पुलिस ने एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए साफ किया की सुदीक्षा की मौत महज एक हादसा है। पुलिस ने कहा था कि छेड़खानी के कोई सुबूत नहीं मिले। उन्होंने बताया कि बाइक सुदीक्षा का भाई चला रहा था, जिस बुलेट से सुदीक्षा की बाइक टकराई थी। उस चलाने वाले लोगों ने मीडिया हाइप के कारण डर गए थे और उन्होंने अपनी बाइक को मॉडिफाई करवा लिया था।
4. पत्रकार विक्रम जोशी हत्याकांड (Journalist Vikram Joshi murder case)
20 जुलाई 2020 को अपनी दो बेटियों के साथ घर लौट रहे पत्रकार विक्रम जोशी को घेरकर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इस हमले में जोशी के सिर में गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालात में गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पत्रकार विक्रम जोशी के भाई अनिकेत जोशी ने बताया था कि हमले से तीन दिन पहले ही आरोपी युवकों ने उनकी भांजी पर अश्लील टिप्पणी की थीं। छेड़छाड़ की घटना को लेकर विजय नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद से आरोपियों ने उनके भाई की हत्या कर दी। बता दें कि मामला सुर्खियों में आने के बाद मृतक पत्रकार के परिवार को दस लाख की आर्थिक सहायता, दोनों बच्चियों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने और स्वर्गीय पत्रकार विक्रम जोशी की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक भी सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी है। उनकी पत्नी लगातार डीएम कार्यालय के चक्कर काट रही हैं।
5. आगरा के अपहृत अधिवक्ता की इटावा में हत्या (Etawah Abduction Case)
27 अक्टूबर 2020 को चर्चित भूमि घोटाले जोंस मिल कंपाउंड की वारिस मौरिन जोन के वकील केपी यश का अपहरण करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। 27 अक्टूबर को यश का शव इटावा जिले के भरथना इलाके में मिला था। केपी यश जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल परिसर में ही रहते थे। 26 अक्टूबर की शाम को वह अपनी कार समेत लापता हुए थे। 27 अक्तूबर को उनकी मां ने छत्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी, जिसे बाद में पुलिस ने अपहरण और हत्या में तबदील कर लिया था।
6. भदोही में दरिंदगी के बाद सिर कुचलकर हत्या (Bhadohi Rape Case)
1 अक्टूबर 2020 को भदोही में एक नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म के बाद बेरहमी से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना भदोही के गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र में हुई थी। जहां चकराजाराम तिवारीपुर गांव में दोपहर के समय 14 वर्षीय दलित लड़की घर से खेत में शौच के लिए गई थी। जब वह काफी देर बाद भी घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने खेत में जाकर देखा। जहां लड़की का रक्तरंजित शव पड़ा था। उसकी सिर कुचलकर निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। यह केस भी काफी चर्चा में रहा था।
7. बलरामपुर गैंगरेप केस (Balrampur Gangrape Case)
29 सितम्बर 2020 को दो लड़कों ने दोस्ती करने के बहाने दलित युवती का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। आरोपियों ने दरिंदगी की वारदात को अंजाम देने के बाद लड़की को नाजुक हालत में ही एक रिक्शे पर बिठाकर घर भेज दिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। मृतका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के दस निशान पाए जाने का खुलासा हुआ था।
8. गोरखपुर अपहरण केस (Gorakhpur Kidnapping case)
26 जुलाई को गोरखपुर में 14 वर्षीय एक लड़के का अपहरण करने के बाद मौत के घाट उतार दिया गया था। बता दें लड़के बलिराम गुप्ता का अपहरण हो गया था। उसके पिता से बदमाशों ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। फिरौती की रकम नहीं मिलने पर बच्चे की हत्या कर दी गई थी। अगले ही दिन 27 जुलाई को पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था।
9. गोंडा में बच्चे का अपहरण (Gonda Kidnapping Case)
24 जुलाई 2020 को गोंडा जिले में एक बीड़ी व्यवसायी के 6 वर्षीय बेटे का बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। सैनेटाइजर देने के नाम पर नमो गुप्ता नाम के बच्चे का अपहरण किया गया था। इसके बाद बदमाशों ने बच्चे के पिता के मोबाइल पर फोन पर 4 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। इतना ही नहीं, बदमाशों ने परिवारवालों को धमकी भी दी कि अपहरण की सूचना पुलिस को दी तो बच्चे की हत्या कर दी जाएगी। सीएम योगी की दखल के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया था।
10. कानपुर किडनैपिंग केस (Kanpur Kidnapping Case)
23 मई को कानपुर में लैब टेक्निशन संजीत यादव का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में 23 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई। हालांकि 26 जून को रिपोर्ट को एफआईआर में तबदील किया गया। वहीं, 29 जून को परिजनों के पास 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए कॉल आया। जबकि संजीत यादव की बदमाशों ने 26 जून को ही हत्या कर दी थी।
Published on:
23 Dec 2020 07:09 pm
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