
Satna-Rewa National Highway: राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के सतना-रीवा खंड में कई किसानों की जमीनों पर जबरिया हाईवे तो बना दिया गया लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। परेशान किसान संबंधित विभागों के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। मामले में लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग के ईई का कहना है कि मामला कलेक्टर सतना के यहां अटका है। कलेक्टर कार्यालय से अनुमति नहीं मिलने के कारण इनका मुआवजा वितरित नहीं हो पा रहा है।
सतना-रीवा नेशनल हाईवे 75 (अब 39) के फोरलेन उन्नयन के लिए जमीनों का अधिग्रहण 2023 में किया गया था, लेकिन रामपुर बाघेलान तहसील के ग्राम गाड़ा (गणेशा) और सगौनी के कई किसानों की जमीनों का अधिग्रहण नहीं हो पाया था। इसकी वजह विभागीय लापरवाही के चलते इन जमीनों का अवार्ड ही नहीं बनाया गया था। अवार्ड वितरण के बाद जब काम प्रारंभ किया गया तो इन किसानों ने अपनी जमीनों पर काम करने से रोक दिया।
तब तत्कालीन कलेक्टर ने मामले में समीक्षा की। तय किया गया कि छूट गए किसानों को जमीन का मुआवजा आपसी सहमति क्रय नीति के तहत किया जाएगा। कलेक्टर के आश्वस्त पर किसानों ने काम का विरोध करना बंद कर दिया। इधर रोड बन गई और लोकार्पण भी हो गया। लेकिन अभी तक इन किसानों का मुआवजा नहीं मिल सका है।
ईई लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग शंकरलाल ने बताया कि आपसी सहमति क्रय नीति के तहत कलेक्टर को सहमति देना है। वर्ष 2023 से पत्राचार किया जा रहा है। अनुमति नहीं मिली है।
किसान अरविंद कुमार का 5.28 लाख, केदार प्रसाद 12.10 लाख, विदेश्वरी प्रसाद 12.65 लाख, सुरसरी प्रसाद 12.65 लाख, अजय नारायण 19.77 लाख, अनीता त्रिपाठी 19.77 लाख, विजय नारायण का 20.16 लाख रुपए मुआवजा बकाया है।
भू-अर्जन अधिकारी से प्रकरणों की जानकारी ली जाएगी। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जा सकेगी। डॉ सतीश कुमार एस, कलेक्टर
Published on:
05 May 2025 09:50 am
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
