भारवर्ग में बदलाव कर उतरी थीं विनेश
बता दें कि विनेश इससे पहले 50 किग्रा भारवर्ग में खेलती रही हैं और वह इसी भारवर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस टूर्नामेंट में वह अपने भारवर्ग में बदलाव कर 53 किग्रा भारवर्ग में उतरी थीं। क्वार्टर फाइनल में उन्हें जापान की मायु मुकाइदा ने 10-0 से हराया था, लेकिन इनके फाइनल में पहुंचने पर विनेश को रेपचेज राउंड खेलने का मौका मिला और इस मौके को भुनाते हुए उन्होंने चीनी ताइपे की जो जिह को 6-0 से हरा दिया।
वहीं रेपचेज मे जरिये कांस्य पदक के मुकाबले में खेलते हुए 62 किग्रा भारवर्ग में साक्षी ने चीन की किआनयू पांग को 8-1 से मात दी। साक्षी को क्वार्टर फाइनल में जापान की युकाको कावाई से 0-5 से हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद प्लेऑफ में उन्होंने कोरिया की जियाए चोई को 11-0 से हराकर कांस्य पदक मुकाबले के लिए जगह बनाई थी।
दोनों पहलवानों ने जताई खुशी
कांस्य पदक जीतने के बाद विनेश ने कहा कि वह काफी लंबे समय बाद 53 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रही थी। इसलिए वह खुश हैं, लेकिन अगर वह पदक का रंग बदल पाती तो और खुशी होती। वहीं साक्षी ने कहा कि इस टूर्नामेंट में उन्होंने पिछले साल जो पदक जीता था उसे बचाकर वह खुश हैं। उन्हें लगता है कि वह बेहतर कर सकती थीं। लेकिन मेरे लिए आत्मविश्वास हासिल करने के लिए लिहाज से यह नतीजा अच्छा है। इससे विश्व चैम्पियनशिप में मदद मिलेगी।
पूजा और नवजोत पदक से चूकीं
जहां साक्षी और विनेश ने पदक जीता, वहीं 57 किग्रा भारवर्ग में पूजा ढांडा और 65 किग्रा भारवर्ग में नवजोत कौर सेमीफाइनल मुकाबले में हारकर पदक से चूक गईं। पूजा को मंगोलिया की सेरेनचिमेड सुखी ने 5-3 से हराया तो वहीं नवजोत को कजाकिस्तान की एइना तेमिरटासोवा ने 7-0 से हराया।