
पिता करते हैं खेती बेटी ने बढ़ाया देश का मान ,तोड़ा पीटी उषा और मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड बनी नई 'उड़न परी' हिमा दास
नई दिल्ली । भारत की हिमा दास ने गुरुवार को फिनलैंड के टेम्पेरे में जारी आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा दिया है। यह पहला मौका है जब भारत को आईएएएफ की ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल हुआ है। उनसे पहले भारत की कोई महिला खिलाड़ी जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई है ।
फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय निकाला
असम की 18 वर्षीय एथलीट हिमा दास ने राटिना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की। इसी के साथ वह इस चैंपियनशिप में सभी आयु वर्गो में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं।हिमा ने राटिना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की। इसी के साथ वह इस चैम्पियनशिप में सभी आयु वर्गो में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं।
पहले नहीं लगा था जीत पाएंगी
इस मुकाबले में एक दिलचस्प बात ये रही कि दौड़ के 35वें सेकेंड तक हिमा शीर्ष तीन खिलाड़ियों में भी नहीं थीं, लेकिन उसके बाद हिमा सबको चकित कर दिया । उन्होंने ऐसी रफ्तार पकड़ी की कोई और उनके सामने टिक ही नहीं सका,और आखिर में हिमा ने इतिहास बना दिया।बता दें कि हिमा का यहां तक का सफर इतना आसान नहीं था उनकी इस अपार सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और हिम्मत का बड़ा योगदान है। असम के एक साधारण किसान परिवार में पैदा होने वाली हिमा के पिता आज भी चावल की खेती करते हैं।
परिवार ने किया सपोर्ट
हिमा को एथलीट बनाने के लिए उनके परिवार के पास पैसे की कमी थी लेकिन शुरुआत से ही उनके कोच ने हिमा की सहायता की और आज हिमा को एक नया मुकाम दिलाया। एथलीट बनने के लिए हिमा को अपना परिवार छोड़कर लगभग 140 किलोमीटर दूर जाकर रहना पड़ा। पहले तो परिवार वाले इस बात के लिए राजी नहीं थे, हालांकिपर परिवार राजी हुआ और फिर जो हुआ वो आज इतिहास बन गया है । अब देश भर से हिमा को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बधाई दी जा रही है ।
मोदी जी ने दिया बधाई
भारत के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर हिमा दास को बधाई दी और कहा कि आपने देश का नाम रोशन किया है।पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिमा दास को ट्वीट कर बधाई दी और कहा कि देश को आप पर गर्व है, आपके इस प्रदर्शन से युवाओं को काफी प्रेरणा मिलेगी।स्पर्धा के बाद जब हिमा ने गोल्ड मेडल लिया और सामने राष्ट्रगान बजा तो हिमा अपने जज्बातों को काबू नहीं कर पाई और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।रोतें-रोतें उन्होंने पदक को देखा।उनकी लगन और कड़ी मेहनत से हिमा ने यह रिकॉर्ड बनाया है । आशा है उन्हें देख कर और भी लड़कियां एथिलिटिक्स अब इस खेल में सामने आएंगी ।
Updated on:
13 Jul 2018 11:54 am
Published on:
13 Jul 2018 11:47 am
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