कजाकिस्तान की दो मुक्केबाज अंतिम-4 की चुनौती पेश करेंगे, जबकि चीन, मंगोलिया, थाईलैंड, ताइपे, आयरलैंड, जापान, पोलैंड, तुर्की, इंग्लैंड और वियतनाम के एक-एक खिलाड़ी सेमीफाइनल में अपनी किस्मत आजमाएंगे। सौभाग्य की बात यह है कि भारत और रूस के मुक्केबाज शुक्रवार को किसी भी भार वर्ग में एक-दूसरे के सामने नहीं उतरेंगे। भारत की ज्योति को फ्लाईवेट में कजाकिस्तान की अबराएमोवा झानसाया से भिडऩा है। झानसाया ने इससे पहले अमरीका की हेवन गार्सिया को हराया है और उन्हें खिताब का दावेदार माना जा रहा है। अगली बारी शशि चोपड़ा की होगी, जिन्हें मंगोलिया की मोंघोर नामुन से भिडऩा है। नामुन को एक कड़ा विपक्षी माना जाता है। वह न सिर्फ आक्रामक हैं बल्कि तेज भी हैं तथा उनके पास कई अच्छे पंच हैं।
इसके बाद बारी भारत की सबसे प्रतिभाशाली मुक्केबाज अंकुशिता बोरो की है। बोरो को स्थानीय लोगों का जबरदस्त समर्थन मिलेगा और वह इसी के दम पर थाईलैंड की साकश्री थानचानोक को हराने का प्रयास करेंगी। थाई खिलाड़ी ने बीते मुकाबले में पोलैंड की बोरेस पेट्रिका को हराया था। सेमीफाइनल मे जगह बनाने वाली भारत की चौथी मुक्केबाज नेहा यादव हैं। नेहा को फाइनल में जगह बनाने के लिए कजाकिस्तान की इस्लामबेकोवा डिना से भिडऩा है। कजाक खिलाड़ी काफी हार्ड हिटर और प्रतिभाशाली हैं। नेहा को जीत हासिल करने के लिए अपना श्रेष्ठ खेल दिखाना होगा।
भारत के पदक जीतने की सम्भावनाओं पर भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के हाई परफारमेंस निदेशक राफेल बेर्गामास्को ने कहा, मैं अच्छे प्रदर्शन पर जोर देता हूं और इसी कारण मैं कभी पदक नहीं गिनता। अगर आप अच्छा खेलेंगे तो पदक आएंगे। मैंने सात पदकों का लक्ष्य रखा था और मुझे गर्व है कि मैंने यह लक्ष्य हासिल कर लिया। राफेल ने कहा कि उनकी तैयारी पूरी है और इस क्रम मे उनकी टीम ने अपने-अपने विपक्षी खिलाडिय़ों का वीडियो देखा है और उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनाई है।
भारत के अलावा इंग्लैंड की जार्जिया ओकानोर औऱ चीन की यांग या चू तथा रूस की अनास्तासिया शामोनोवा और पोलैंड की नतालिया एम. के मुकाबले काफी रोचक होंगे और दर्शकों को अच्छा मुकाबला देखने को मिलेगा। इसके अलावा चीन और वियतनाम की मुक्केबाजों के बीच होने वाला मुकाबला भी काफी रोचक होगा।