आसान नहीं है आगे की राह-
हेड कोच हरेंद्र सिंह ने कल बेल्जियम के खिलाफ भारत के हॉकी विश्वकप मैच से पहले भारतीय टीम की तैयारियों पर प्रकाश डाला है । उन्होंने साथ ही कहा की टीम का सर्कल प्रवेश अच्छा है; हमें तय रणनीति से खेलना होगा।आक्रमक होकि खेलना हमारा हथियार है और हम समझौता नहीं करेंगे। मंत्र स्पष्ट है, अगर हम उन्हें गेंद नहीं देंगे तो वो स्कोर कैसे करेंगे ? भारत के लिए यह मैच आसान नहीं होगा। वर्ल्ड नंबर-3 बेल्जियम का खेल भारत से बेहतर रहा है। यह टीम अपने आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है। भारत में हालांकि बेल्जियम को मात देना का माद्दा है। पहले मैच में बेल्जियम ने कनाडा को 2-1 से मात दी थी। पूल-सी में भारत पहले स्थान पर है तो वहीं बेल्जियम को दूसरा स्थान हासिल है। इस मैच में जीत दोनों टीमों के सेमीफाइनल जाने की संभावनाओं के बेहद प्रबल कर देगी जबकि हार से अंतिम-4 का इंतजार पूल के आखिरी मैच तक के लिए बढ़ जाएगा।
पिछले मैच में मिली थी एकतरफा जीत-
भारत ने पिछले मैच में एकतरफा खेल दिखाया था। मेजबान टीम की आक्रमण पंक्ति असरदार साबित हुई और इसलिए पांच गोल करने में टीम सफल रही थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालांकि भारतीय टीम के डिफेंस की परीक्षा नहीं हो पाई थी। बेल्जियम के खिलाफ हालांकि कोच हरेंदर सिंह की टीम को सतर्क रहना होगा। साथ ही उसकी मिडफील्ड को भी अपनी अहमियत समझनी होगी। पहले मैच में सिमरनजीत ने भारत के लिए दो गोल किए थे जबकि मंदीप, आकाशदीप और ललित उपाध्याय ने एक-एक गोल किया था। बेल्जियम के डिफेंस के सामने यह चारों अपनी फॉर्म को बनाए रख पाते हैं या नहीं यह मैच के दिन पता चलेगा।
कप्तान पर होगी निगाहें-
बेल्जियम के डिफेंस में आर्थर वान डोरेन, गोउथियेर बोकार्ड, और आर्थर डे स्लूवर जैसे अनुभवी डिफेंडर हैं। इन तीनों के पास 150-150 से ज्यादा मैचों का अनुभव है जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है।गोलकीपर विसेंट वानश्च भी 201 मैचों का अनुभव लिए हुए हैं। ऐसे में भारत के फॉरवर्ड आकाशदीप, गुरजंत सिंह, मंदीप और दिलप्रीत के लिए यह कड़ी परीक्षा होगी। वहीं भारतीय डिफेंस में हरमनप्रीत सिंह, गुरिंदर सिंह, वरुण कुमार, कोथाजीत सिंह को अहम भूमिका निभानी होगी क्योंकि बेल्जियम की आक्रमण पंक्ति का नेतृत्व अनुभवी कप्तान थॉमस ब्रील्स के जिम्मे है। यहां वह अकेले नहीं है। उनके साथ फ्लोरेंट वान एयुबेल, टॉम बून जैसे नाम हैं।