खास गोल्फर हैं दीक्षा
बाएं हाथ की दीक्षा एक खास गोल्फर हैं। सक्षम लोगों के लिए एक ओलंपिक और दो डेफलिंपिक (सुनने में अक्षम लोगों के लिए) खेलने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं। रोहतक की लड़की ने 2017 में तुर्की में रजत और 2022 में ब्राजील में स्वर्ण पदक जीता। वह 2019 में पेशेवर बन गईं। दीक्षा वर्तमान विश्व रैंकिंग में 147वें स्थान पर हैं।
‘विश्व के 50 शीर्ष गोल्फर में जगह बनानी है’
उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में एलपीजीए में जाना चाहती हूं। इससे मेरे स्तर की परीक्षा होगी। मैं विश्व के शीर्ष 50 में जगह बनाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक उनके दिमाग में सबसे ऊपर है। मैं जिन भी टूर्नामेंटों में खेलने जा रही हूं, उनमें अपने खेल और प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होगा।
पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए मिलेंगे साढ़े 35 लाख
ओलंपिक रैंकिंग में 37वें स्थान पर रहने वाली दीक्षा भारतीय खेल प्राधिकरण की टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं। वह और अदिति अशोक टॉप्स द्वारा वित्त पोषित दो गोल्फर हैं। 23 वर्षीय खिलाड़ी को टूर्नामेंट में भाग लेने और इस सप्ताह से शुरू होने वाले पेरिस 2024 की तैयारी के लिए 35.48 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।