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ओलंपिक चैंपियन बनने के बाद मिली दौलत-शोहरत को पचा नहीं पाए ये एथलीट हुए डिप्रेशन का शिकार

Paris Olympics 2024: टोक्यो ओलंपिक चैंपियन ब्रिटेन की फ्रीस्टाइल राइडर चार्लोट और तैराक एडम पैटी बड़े ही मुश्किल दौर से गुजरे हैं। अच्छे प्रदर्शन का दबाव और प्रशंसकों की बढ़ती उम्मीदें उन्हें डिप्रेशन तक ले गईं।

Paris Olympics 2024

Paris Olympics 2024: किसी भी एथलीट का सबसे बड़ा सपना ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियन बनना होता है। ओलंपिक में चैंपियन बनने का एथलीट का नाम ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है, बल्कि उसे दौलत और शौहरत भी मिलती है। लेकिन, इसके बावजूद कुछ एथलीटों के लिए ओलंपिक चैंपियन बनने के बाद मिली शोहरत को पचा पाना आसान नहीं होता। अच्छे प्रदर्शन का दबाव और प्रशंसकों की बढ़ती उम्मीदें उन्हें डिप्रेशन तक ले जाती हैं।

मुझे लगा कि मैंने सब कुछ खो दिया

चार्लोट 2020 ओलंपिक खेलों में जब ब्रिटेन की बीएमएक्स फ्रीस्टाइल राइडर चार्लोट वर्थिंगटन ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था, वो उनके लिए सबसे बड़ा दिन था। वह इस स्पर्धा में 360 बैक फ्लिप खींचने वाली पहली महिला राइडर थीं। लेकिन, उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि उनका इस खेल से इच्छा ही खत्म हो गई। चार्लोट ने कहा, टोक्यो ओलंपिक के बाद वो एक कठिन दौर था, जब मुझे लगा मैंने सब कुछ खो दिया।

अचानक मिली सफलता संभाल नहीं पाई

चार्लोट ओलंपिक चैंपियन बनने से पहले एक रेस्टोरेंट में शेफ थीं। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसी लड़की थी, जो मैनचेस्टर सिटी में स्कूटर चलाती थी और शेफ का काम करती थी। अचानक मैं ओलंपिक में पहुंची और स्वर्ण पदक जीत लिया। उसके बाद मैं हर स्पर्धा को ओलंपिक की तरह लेने लगी और अच्छे प्रदर्शन के दबाव से मैं डिप्रेशन में आ गई। लगातार प्रदर्शन के बारे में सोचने से मैं और चीजों से दूर चली गई।

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जीवन से लिया सबक

जीवन से सबक लिया अब पेरिस में उतरेंगी 27 वर्षीय चार्लोट ने कहा, मुझे डिप्रेशन से बाहर निकलने और खुद को प्रेरित करने के लिए काफी काम करना पड़ा। मेरे परिवार और दोस्तों ने इसमे मेरी मदद की। मैं अब पेरिस ओलंपिक में उतरना चाहती हूं, लेकिन सबसे बड़ी चीज यह है कि मैं इस खेल से फिर प्यार करने लगी हूं।

ओलंपिक चैंपियन तैराक एडम नशे की गिरफ्त से निकले

ब्रिटेन के ही तीन बार के ओलंपिक चैंपियन 29 वर्षीय तैराक एडम पीटे के नाम तीन ओलंपिक गोल्ड हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में ही दो स्वर्ण पदक जीते थे। लेकिन, वह शौहरत को संभाल नहीं सके और शराब की गिरफ्त में ऐसे आए की डिप्रेशन में चले गए। हालांकि तमाम कोशिश और इलाज के बाद वे इस मुश्किल दौर से बाहर निकलने में सफल रहे और फिर अपने करियर पर ध्यान दे रहे हैं।

आखिर मैं भी एक इंसान हूं

पेरिस ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहे एडम ने कहा, आखिर मैं भी एक इंसान हूं। हां मैंने खुद को बर्बाद कर लिया था। मुझे शराब और पार्टी की इतनी लत लग गई कि मैं खुद को ही भूल गया था। यह एक बेहद मुश्किल दौर था लेकिन शुक्र है कि मैं फिर वापस आम जिंदगी में लौट सका।