26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विश्वनाथन आनंद की एकेडमी से निकल रहे प्रज्ञानानंद जैसे होनहार, कर रहे देश का नाम रौशन

विश्व जूनियर रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज प्रज्ञानानंद सहित कई खिलाडिय़ों की प्रतिभा विश्वनाथन आनंद की एकेडमी में निखरी हैं। उनकी एकेडमी से शतरंज के गुर सीखकर युवा देश का नाम रौशन कर रहे हैं।

2 min read
Google source verification
vishwanathan-anand-s-academy.jpg

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) द्वारा जारी जूनियर विश्व रैंकिंग में पहली बार भारत के पांच खिलाडिय़ों ने टॉप-10 में जगह बनाकर इतिहास रचा है। दुनिया में धूम मचा रहे भारत के जूनियर खिलाड़ी महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद की देन हैं, जिनकी एकेडमी से इस खेल के गुर सीखकर, वे देश का नाम रौशन कर रहे हैं। इन युवाओं में जूनियर विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर कायम 19 वर्षीय आर प्रग्गानानंदा और उनकी बहन आर वैशाली भी शामिल हैं।

सिर्फ चार साल में युवाओं ने बिखेरी चमक

आनंद ने चार साल पहले दिसंबर 2020 में वेस्टब्रिज आनंद चेस एकेडमी (डब्ल्यूएसीए) की स्थापना की थी। आनंद यहां मेंटोर की भूमिका में हैं और अपने अनुभव से युवाओं की प्रतिभा को निखारते हैं। यहां आनंद के अलावा दुनिया के कई अनुभवी ग्रैंडमास्टर्स भी हैं, जो ऑनलाइन क्लास के जरिए युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं।

लक्ष्य नई प्रतिभाओं को खोजना और निखारना है: आनंद

आनंद ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उनका लक्ष्य युवा प्रतिभाओं को खोजना और निखारना है। उन्होंने कहा, शतरंज अकादमी खोलने के पीछे यह मकसद था कि मेरे बाद भारतीय युवा खिलाड़ी पूरी दुनिया में देश का नाम रौशन करें। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि हमने पहले बैच में जिन खिलाडिय़ों को चुना था, वे सभी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं इस बात से थोड़ा आश्चर्यचकित हूं कि उन्होंने यह कितनी जल्दी कर लिया।

बड़े टूर्नामेंट से पहले होती है खास क्लास

किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले युवा खिलाडिय़ों के लिए खास क्लास का आयोजन होता है, इसमें आनंद के अलावा दिग्गज खिलाड़ी उन्हें उपयोगी सलाह देते हैं।

मानसिक तौर पर मजूबत बनाना

युवाओं के लिए सबसे जरूरी होता है कि वे दबाव से किस तरह से निपटें। इसके लिए उनका मानसिक तौर पर मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। उन्हें दबाव से निपटना सिखाया जाता है।

ये युवा सितारे निकले

1) आर प्रज्ञानानंद

2) डी गुकेश

3) लियोन ल्यूक मेंडोका

4) निहाल सरीन

5) रौनक साधवानी

6) आर वैशाली

ये दिग्गज करते हैं मार्गदर्शन

1) ग्रेजगोर गजेवस्की, पोलैंड युवा खिलाडिय़ों को खेल के शुरुआती सिद्धांत सिखाने में मदद करते हैं।

2) जीएम संदीपन चंदा (भारत) खेल के मध्य की रणनीति बनाने और खेल पर पकड़ कैसे बनाएं, इसकी तैयारी कराते हैं।

3) जीएम अर्तुर युसुपोव (रूस) जब मोहरों का आदान-प्रदान हो जाए तो खेल को किस तरह से खत्म करना है, इसके गुर सिखाते हैं।

4) बोरिस गेलफैंड (इजराइल) सलाह सत्र की मेजबानी करते हैं और युवाओं को उपयोगी सीख देते हैं।