
नई दिल्ली।
यह बात तो अब जगजाहिर हो चुकी है कि अफगानिस्तान पूरी तरह तालिबान के कब्जे में आ चुका है। अब अफगानिस्तान को लेकर हैरान करने वाली खबर सामने आई है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान सरकार के कई गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान के हाथ लग गए हैं।
इन दस्तावेजों से सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को कंट्रोल में लेेने के इरादे से काबुल के लिए कुछ आर्थिक योजनाओं का ऐलान किया था। काबुल में मानवीय सहायता लेकर पहुंचे सी-170 विमान दस्तावेजों से भरे बैग लेकर रवाना हुए हैं।
पाकिस्तान अपने साथ जो गोपनीय दस्तावेज ले गया है, वह पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई ने अपने कब्जे में ले लिया है। इन दस्तावेजों में मुख्य रूप से एनडीएस के गोपनीय दस्तावेज दूसरी कई डिजिटल जानकारी थी। वहीं, सूत्रों की मानें इस डाटाको आईएसआई अपने इस्तेमाल के लिए तैयार करेगा। माना जा रहा है कि यह सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
तालिबान की नई सरकार में हिबातुल्लाह अखुंदजादा को सुप्रीम लीडर बनाया गया है। वहीं, मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री पद दिया गया है, जबकि बरादर खुद प्रधानमंत्री पद के दावेदार माना जा रहा था। तालिबानी सरकार में आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क से जुड़े सदस्यों को भी अहम पद दिया गया है। इससे दुनियाभर में कई देशों की चिंता बढ़ गई है।
इस नई सरकार में कई ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है, जिन्हें अमरीका ने आतंकी घोषित करते हुए प्रतिबंधित सूची में डाल रखा है और लाखों डॉलर का उन पर इनाम घोषित किया हुआ है। वहीं, सरकार में इन सदस्यों को शामिल करने के बाद तालिबान ने अमरीका की प्रतिबंधित सूची पर सवाल खड़े किए हैं और इसे रद्द करने को कहा है।
Published on:
11 Sept 2021 01:51 pm
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