
बांगड़ अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में उपचार करवातीं युवतियां। फोटो- पत्रिका
राजस्थान के पाली शहर के पुनायता औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक सिलाई फैक्ट्री में उस समय हड़कंप मच गया, जब वहां काम कर रही 18 युवतियों की एक साथ अचानक तबीयत बिगड़ गई। युवतियों को पेट दर्द, सांस लेने में परेशानी और घबराहट की शिकायत हुई, जिसके बाद सबको फैक्ट्री की गाड़ियों से बांगड़ अस्पताल लाया।
चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर 16 युवतियों को छुट्टी दे दी, जबकि दो को भर्ती कर उपचार जारी है। दोनों की हालत खतरे से बाहर है। सूचना पर अस्पताल परिसर में युवतियों के परिजनों और लोगों की भीड़ लग गई। सदर थाना पुलिस भी पहुंची और फैक्ट्री प्रबंधन व युवतियों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई। चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद फूड पॉइजनिंग की संभावना से इनकार किया।
उनका कहना है कि दूषित पानी, गर्मी और उमस के कारण घुटन के चलते तबीयत बिगड़ी हो सकती है। बताया जा रहा है कि एक प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में 600 से ज्यादा महिलाएं और युवतियां बड़े हॉल में एक साथ बैठकर काम करती हैं। ऐसे में वेंटिलेशन की कमी और भीड़भाड़ के कारण दम घुटने जैसी स्थिति बनी होगी। वास्तविक कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
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मीना (21) पुत्री भंवर सिंह, ओम कंवर (20) गणपत सिंह, मंजू (22) पुत्री भंवरलाल, तरुणा (23) पुत्री चौथाराम, अंजू (22) पुत्री संतोष कुमार, उगिया (21) पुत्री मोहनलाल, दीपिका (22) पुत्री लादूराम, मुन्नी (20) पुत्री जगदीश कुमार, डिंकू (22) पुत्री जीवाराम, निशा (23) पुत्री तेजाराम, संजू (19) पुत्री अमराराम, किरण (24) पुत्री लक्ष्मणराम, सरोज (19) पुत्री दिनेश कुमार, संतोष (20) पुत्री नेमाराम, पूजा (21) पुत्री भुंडाराम, विमला (21) पुत्री पापुराम, पुष्पा (21) पुत्री कुका राम, पुष्पा (21) पुत्री रूपाराम की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी। मीना (21) पुत्री भंवरलाल और संतोष (19) पुत्र नेमाराम को भर्ती किया।
Published on:
01 Jul 2025 03:16 pm
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