scriptएक गांव जहां प्यासे रहते हैं ग्रामीण, देखें पूरा वीडियो… | A village where thirsty people live | Patrika News

एक गांव जहां प्यासे रहते हैं ग्रामीण, देखें पूरा वीडियो…

locationपालीPublished: Mar 14, 2019 04:24:36 pm

Submitted by:

Rajeev

पाणीं ई कोनी तो मटका रो कांई करां
खिनावडी गांव में डेढ़ महीने से पानी का संकट
ग्रामीण पेयजल को लेकर परेशान

pali patrika

एक गांव जहां प्यासे रहते हैं ग्रामीण

निमाज. पाणीं री बाट जोवां हां। डेढ़ महीना सूं पाणी कोनी आयौ। कैवा ई किणनै, सरपंच सा एक कान सूं सुणै अर दूजा सूं निकाल देवै। पांच सौ रीपिया देयर टैंकर मंगवाणौ पड़े। यह व्यथा सुनाते हुए निमाज के निकट खिनावड़ी की महिला इतनी आक्रोशित हो गई कि पानी भरने के लिए लाए मटके को फोड़ दिया। दरअसल, पिछले डेढ़ माह से कस्बे में जलसंकट के हालात है। जीएलआर सूखा पड़ा है। महिलाएं हर दिन इस आस में यहां आती है कि पानी आएगा और मटके, बाल्टियां व जरीकेन लेकर आती है, लेकिन पानी है कि नाम ही नहीं ले रहा। ऐसे हालात खिनावड़ी के ही नहीं है, बल्कि आस-पास के कई गांव-ढाणियों में इससे भी बदतर स्थिति है।
अभी ये हाल तो भीषण गर्मी में क्या होगा
ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी की की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट शुरू हो गया है। पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं होने से लोग परेशान है। जलदाय विभाग की उदासीनता के चलते लोगों को मुंह मांगे दामों पर टैंकर डलवाना पड़ रहा है।
पानी पहुंचा पाताल
गांव की पेयजल समस्या को लेकर सरपंच समेत ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों के अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी है। जनता जल योजना के तहत हो रही आपूर्ति भी लडख़ड़ा रही है।
………………………………………………….

मोहराई के कुंए से पानी आपूर्ति हो रही थी। इसका पानी भी पाताल पहुंच चुका है। फूलमाल में बकाया बिल को लेकर बिजली कनेक्शन काटा जा चुका है। विभागों की खींचतान का खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है।
लगाई गुहार, सुनवाई नहीं
गांव की कमली, सोहनी, नर्बदा, पुष्पा, रामप्यारी आदि का कहना है कि सरपंच को कई बार पीने व पशुओं के लिए पानी के प्रबंध की गुहार की, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। सरपंच का कहना है कि विभागीय अधिकारी सुन ही नहीं रहे।
दी आंदोलन की चेतावनी
पीएचईडी व पंचायत की खींचतान का खामियाजा जनता भुगत रही है। क्षेत्र के लोगों के साथ पेयजल को लेकर जानबूझकर भेदभाव किया जा रहा है। शीघ्र ही पेयजल समस्या का निस्तारण नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
प्रदीपसिंह बारहठ,

कोई नहीं सुन रहा
अधिकारियों को कई बार पेयजल की समस्या से अवगत कराया। अधिकारी सुन ही नहीं रहे। अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा जनता उठा रही है।

भंवरलाल कुमावत, सरपंच ग्राम पंचायत, फूलमाल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो