प्रतिमा के सम्बन्ध में प्रशासन से सहयोग नहीं मिलने पर राजेन्द्र सिंह ने इसका फोटो व सूचना सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इस पर ब्यावर से जैन समाज के लोग सेंदड़ा पहुंचे ओर प्रतिमा देखी। उनको वह प्रतिमा जैन धर्म से जुड़ी नहीं लगी तो वे वापस ब्यावर लौट गए।
राजेन्द्रसिंह ने बताया कि जहां ये प्रतिमा मिली वहां अगर खुदाई की जाए तो कुछ ओर भी मिल सकता है। उनका कहना है कि जो श्रमिक खुदाई कर रहे थे उन्होंने बताया कि वहां कुछ पुराने सिक्के भी मिले थे। जिसे उन्होंने वहीं मिट्टी में दबा दिया। यहां अन्य प्राचीन सामग्री मिलने की आस के बावजूद अब तक कोई भी रुचि नहीं ले रहा है।
मेरे पास फोन आया था। मैंने वहां के पटवारी को बोल दिया है। प्रतिमा हम मंगवा लेते हैं। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच करवा उचित कदम उठाएंगे। -भंवरलाल जनागल, उपखण्ड अधिकारी, रायपुर