VIDEO : हेमावास बांध में लगी आग, किसानों व दमकल कर्मियों ने पाया काबू शहर के आसपास के गांवों से दस हजार गायें हर साल हेमावास बांध में चरने आती है। बाला, कूरना, गिरवर व पादरला से करीब 20 परिवार यहां गायें चराने आते हैं। बांध में पानी होने के कारण यहां खासा चारा उगता है। बदकिस्मती यह है कि तेज गर्मी के कारण यहां हर साल आग लग जाती है। इससे पशुपालकों के सामने खासी मुश्किल खड़ी हो जाती है।
चार सौ गायें चरने लाता हूं
पूरे परिवार के साथ हर साल हेमावास में करीब 400 से ज्यादा गाय लेकर चराने के लिए आता हूं। यहां आग लग जाने के कारण सारा चारा जल गया है। इससे पशुओं का निवाला छिन गया है। – धीराराम देवासी, पशुपालक, गिरवर
पूरे परिवार के साथ हर साल हेमावास में करीब 400 से ज्यादा गाय लेकर चराने के लिए आता हूं। यहां आग लग जाने के कारण सारा चारा जल गया है। इससे पशुओं का निवाला छिन गया है। – धीराराम देवासी, पशुपालक, गिरवर
गांव में चारे-पानी का अभाव
परिवार के साथ हेमावास बांध में गायें लेकर आता हूं। हमारे गांव के आसपास चारा-पानी नहीं होने के कारण हम यहां आस लेकर आते हैं। पर यहां पर सारा चारा जल चुका है। –करण खारवाल, पशुपालक, पादरला
परिवार के साथ हेमावास बांध में गायें लेकर आता हूं। हमारे गांव के आसपास चारा-पानी नहीं होने के कारण हम यहां आस लेकर आते हैं। पर यहां पर सारा चारा जल चुका है। –करण खारवाल, पशुपालक, पादरला