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22 साल बाद बर्खास्त आईपीएस की गिरफ्तारी, पाली के एडवोकेट बोले-जंग अभी जारी

locationपालीPublished: Sep 05, 2018 07:54:08 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट ने फर्जी एनडीपीएस के केस में फंसाया था पाली के एडवोकेट राजपुरोहित को
-छह माह रखी थी पाली के वकीलों ने हड़ताल

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22 साल बाद बर्खास्त आईपीएस की गिरफ्तारी, पाली के एडवोकेट बोले-जंग अभी जारी

पाली। पाली के एडवोकेट सुमेर सिंह राजपुरोहित को 22 पहले एनडीपीएस के एक फर्जी मामले में गिरफ्तार करने वाले गुजरात के पूर्व आईपीएस व बनासकांठा के तत्कालीन एसपी संजीव भट्ट को बुधवार को गुजरात सीआईडी पुलिस ने गांधी नगर से गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी के बाद एडवोकेट राजपुरोहित ने पत्रिका से कहा है कि अभी जंग जारी रहेगी, वे भट्ट को सजा दिलाने तक जंग लड़ते रहेंगे।
दुकान खाली करवाने का विवादए फर्जी गिरफ्तारी
प्रकरण के अनुसार वद्र्धमान मार्केट पाली में दुकान नम्बर छह मोहनलाल जैन व पाली के एडवोकेट सुमेरपुर सिंह राजपुरोहित के भाई नृसिंह सिंह की भागीदारी में किराए पर ली हुई थी। यह दुकान तिलक नगर निवासी फुटरमल की थी। फुटरमल की भतीजी अमरी देवी गुजरात के तत्कालीन न्यायाधीश आरआर जैन की बहन थी। आरआर जैन ने गुजरात के बनासकांठा के तत्कालीन एसपी संजीव भट्ट से यह दुकान खाली करवाने के लिए सहायता करने को कहा। इस पर भट्ट ने साजिश रचते हुए एडवोकेट राजपुरोहित के नाम से 29 अप्रेल 1996 को पालनपुर के लाजवंती होटल में फर्जी एन्ट्री कर कमरा बुक किया गया और वहां से एक किलो अफीम बरामद बताई गई। एडवोकेट राजपुरोहित को आरोपी बनाते हुए एनडीपीएस का मामला दर्ज किया गया। 2-3 मई 1996 की रात को पुलिस निरीक्षक आईबी व्यास टीम लेकर सुमेरपुर सिंह पाली स्थित निवास बापू नगर विस्तार से गुजरात ले गई।
एसपी ने समझोते के लिए कहा
एडवोकेट राजपुरोहित को तत्कालीन एसपी भट्ट के सामने गुजरात में पेश किया गया। इस पर भट्ट ने राजपुरोहित से दुकान खाली करने की बात कही। राजपुरोहित ने अपने परिजनों से बात की। परिजनों ने दुकान मालिक फुटरमल से बात कर दुकान खाली करने का एग्रीमेंट किया। साथ ही यह भी एग्रीमेंट किया कि दुकान खाली करने के बाद एडवोकेट को इस केस से भी बरी करवा दिया जाएगा। दोनों में समझोता होने पर राजपुरोहित को न्यायालय में पेश किया गया, जहां एक दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहे। अगले दिन पालनपुर पुलिस ने कोर्ट में कहा कि राजपुरोहित यहां होटल में नहीं ठहरे थेए वे आरोपी नहीं है, उन्हें छोड़ दिया जाए, इस पर राजपुरोहित को इस केस में छोड़ दिया गया।
पाली आकर वकीलों ने शुरू की थी जंग
एडवोकेट राजपुरोहित जब पाली पहुंचे और बार एसोसिएशन पाली को हकीकत बताई। इस पर वकीलों ने कोतवाली में आईपीएस भट्ट के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के आरोप में मामला दर्ज कराया। पाली के वकीलों ने छह माह तक हड़ताल रखी। दो माह तक पाली बंद रहा, दो दिन राजस्थान बंद रहा। मामले की सीबीआई जांच की मांग की। इस मामले में फूटरमल की गिरफ्तारी हुई। वर्ष 2000 में कोर्ट में चार्जशीट पेश हुई। इधर, राजपुरोहित ने मामले की सुनवाई के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए जून में हाईकोर्ट ने केस गुजरात सीआईडी को सौंप दिया और तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया। इस पर जांच पूरी होने के बाद बर्खास्त आईपीएस भट्ट व पुलिस निरीक्षक आईबी व्यास की गिरफ्तारी हुई। भट्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया था।
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