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मवेशीराज… ‘सुरक्षाचक्र’ की रैली, जान बचाने सडक़ पार दौड़ी

locationपालीPublished: Jan 18, 2020 09:58:57 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– पल्स पोलियो अभियान की रैली [ Pulse Polio Awareness Rally ] के बीच खुली नगर परिषद [ Pali Nagar Parishad ] के दावों की पोल- सूरजपोल चौराहे पर रैली के बीच दौड़े मवेशी

मवेशीराज... ‘सुरक्षाचक्र’ की रैली, जान बचाने सडक़ पार दौड़ी

मवेशीराज… ‘सुरक्षाचक्र’ की रैली, जान बचाने सडक़ पार दौड़ी

पाली। नगर परिषद, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग और पुलिस के बीच सामंजस्य कितना है और नगर परिषद के शहर को मवेशी मुक्त कराने के दावों की पोल शनिवार को सूरजपोल पर पल्स पोलियो जागरूकता रैली में खुल गई। जहां पुलिसकर्मियों व अधिकारियों की नजरों के सामने नगर परिषद कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर एक भी बच्चा छूटा सुरक्षा चक्र टूटा… के नारे लगाते चल रहे नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों की जान पर बन आई।
हुआ यों कि बांगड़ अस्पताल से अतिरिक्त जिला कलक्टर विरेन्द्रसिंह चौधरी व सीएमएचओ डॉ. आरपी मिर्धा की ओर से पल्स पोलियो रैली को रवाना किया। यह रैली शहर में चक्कर लगाकर जब सूरजपोल चौराहे पर पहुंची तो रैली में शामिल एएनएम प्रशिक्षण केंद्र व जीएनएम के प्रशिक्षणार्थियों की तरफ लोढ़ा स्कूल सडक़ की तरफ से बेसहारा मवेशी दौड़ते हुए आए। इस पर कतार में चल रहे प्रशिक्षणार्थी एक दम रुके। जब मवेशी सोमनाथ की तरफ गए तो रैली में शामिल प्रशिक्षणार्थी बांगड़ अस्पताल की तरफ बढऩे लगे, तभी सोमनाथ रोड पर गए मवेशी फिर रैली की तरफ दौड़ पड़े। उनको भागते देख प्रशिक्षणार्थी कतार तोडकऱ सडक़ के दूसरी तरफ भागे। गनीमत रही कोई प्रशिक्षणार्थी मवेशियों और वाहनों की चपेट में नहीं आया।
उपसभापति हो चुके हैं घायल
नगर परिषद के उपसभापति कुछ दिन पहले मवेशी की चपेट में आने के कारण घायल हो चुके है। कई लोग भी इससे पहले घायल हो चुके है। इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी महज मवेशी पकडऩे और उनको गोशाला में छोडऩे का दावा ही कर रहे हैं। जबकि हर सप्ताह कलक्टर की अध्यक्षता में होने वाले बैठकों में कई बार जिला कलक्टर भी शहर को मवेशी मुक्त कराने के निर्देश दे चुके है।
इन स्थानों पर बैठे रहते हैं चार बेचने वाले
नगर में मवेशियों का आतंक सबसे अधिक चारा बेचने वालों के कारण है। ये गांधी मूर्ति भैरूघाट मार्ग पर दो जगह, नगर पुलिया रोड पर, व्यंक्टेश मार्ग पर, सुंदरनगर के सामने बस स्टैण्ड के पास, मिल गेट क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर बैठे रहते हैं और उनके आस-पास बड़ी संख्या में मवेशी खड़े रहते हैं। इसके अलावा भी कई जगहों पर मवेशी बैठे रहते हैं, लेकिन उनको हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पशुपालक छोड़ जाते हैं मवेशी
चार बेचने वालों व पशुपालकों के बीच बड़ा तालमेल है। पशुपालक ही इन चारा बेचने वालों के पास सुबह मवेशी छोड़ जाते हैं। जिससे दान कर पुण्य कमाने वालों के चारा डालने पर उनके मवेशियों का पेट भर जाए। ये पशुपालक चारा बेचने वालों के जाने के बाद भी मवेशियों को सिर्फ दूहने के लिए शाम को घर ले जाते हैं। इसके अलावा वे सडक़ पर ही विचरते रहते हैं।
यह कहना है नगर परिषद सभापति रेखा भाटी का
सवाल : मवेशियों को गोशाला में भेजने की क्या कार्रवाई हुई?
जवाब : पाली में 5 हजार मवेशी सडक़ों पर छोड़े गए है। इसमें 200 मवेशी भटवाड़ा के है। राइको की ढाणी, इन्द्रा कॉलोनी, सिंधी कॉलोनी क्षेत्र आदि में रहने वाले लोगों के मवेशी हैं। हमने 1000 मवेशी पकड़े है।
सवाल : सूरजपोल पर मवेशी रैली में भागे जो आपके दावे की पोल खोलते हैं?
जवाब : हमने इन्द्रा कॉलोनी में शनिवार को 40 मवेशी पकड़े। उनको गोशाला छोडऩे में ही पूरा दिन निकलता है। हम मवेशी पकडऩे का निरन्त अभियान चला रहे है।
सवाल : अब तक कितने पकड़े गए मवेशी आपने वापस छोड़े है?
जवाब : इससे मवेशी छोडऩे का शुल्क 5100 रुपए कर दिया है। अभी तक किसी के मवेशी नहीं छोड़े है। हम दबाव में भी नहीं आते हैं। निरन्तर मवेशी पकडऩे का अभियान चल रहा है।
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